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कोरोना के बाद सड़कों पर नहीं लौट पाई सिटी बस सेवा

रायपुर | संवाददाताः कोरोना काल में बंद हुई सिटी बसें दोबारा सड़कों पर नहीं लौट पाई हैं. इस मामले में पूरे राज्य का एक जैसा हाल है.

सिटी बसों के नहीं चलने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मार्च के महीने में केंद्र सरकार ने राज्य के चार शहरों के लिए प्रधानमंत्री ई-बस योजना के अंतर्गत 240 ई बसों की मंजूरी दी गई थी.

लेकिन ये बसें भी शुरु नहीं हो पाईं.

कोरोना काल से पहले रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, सरगुजा, कोरिया, बस्तर और कांकेर में कुल 378 सिटी बसें चल रही थीं.

अधिकारियों का कहना है कि इनमें से अधिकांश बसें कबाड़ हो गई हैं. 378 में से केवल 106 बसें ही हैं, जो चलने लायक हैं.

इनमें से भी कम से कम 25-30 बसें ख़राब रहती हैं.

दुर्ग-भिलाई में थीं 70 बसें, अब एक भी नहीं

छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 70 सिटी बसें दुर्ग-भिलाई में चल रही थीं. अब वहां एक भी बस नहीं चल रही है.

इसी तरह जगदलपुर में 30 सिटी बसें चलती थीं. इनमें से अब एक भी बस नहीं चल रही है.

राजधानी रायपुर में 67 और बिलासपुर में 50 बसें चल रही थीं. वर्तमान में इन दोनों शहरों में क्रमशः 46 और 18 बसें ही चल रही हैं.

हालांकि राजधानी रायपुर में मंत्रालय कर्मचारियों के लिए सिटी बसों का संचालन सुचारू रूप से जारी है.

राजनांदगांव में 36 में से 4, कोरबा में 48 में से 12, रायगढ़ में 30 में से 6, सरगुजा में 40 में से 18 और कोरिया में 7 सिटी बसों में से मात्र 2 सिटी बसें चल रही हैं.

नई बसें खरीदने में दिलचस्पी नहीं

नई सिटी बस खरीदने में निकायों की दिलचस्पी नहीं है. हालांकि इसके लिए राशि कब से जारी कर दी गई है.

सबसे अधिक 1 करोड़ 24 लाख रुपया रायपुर को दिया गया है. इसके बाद रायगढ़ को 88 लाख, बिलासपुर को 86 लाख रुपये मिले है.

लेकिन किसी ने अब तक एक भी नई बस नहीं खरीदी है.

अधिकारियों का कहना है कि सरकार अब सिटी बस के स्थान पर ई-सिटी बस चलाने की योजना बना रही हैं.

इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है.

लेकिन ई बसों का भी कहीं अता-पता नहीं है.

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