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रायपुर में वार्डों का परिसीमन, उधर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया भले पूरी हो गई हो लेकिन हाईकोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद इस पर तलवार लटक सकती है. हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही, 2011 की जनगणना को आधार बना कर राजनांदगांव, कुम्हारी, तखतपुर और बेमेतरा में किए गए परिसीमन पर रोक लगा दी है.

जबकि रायपुर में भी 2011 की जनगणना के आधार पर किए परिसीमन किया गया है. परिसीमन की इस प्रक्रिया में रविशंकर शुक्ल वार्ड-35 को ख़त्म कर दिया गया है. इसी तरह महात्मा गांधी वार्ड भी ख़त्म कर दिया गया है. इन दोनों वार्ड को अलग-अलग वार्ड में समाहित कर दिया गया है.

इसी तरह शहीद पंकज विक्रम वार्ड के अधिकांश हिस्से को अब्दुल रऊफ और शहीद राजीव पांडेय वार्ड में समाहित कर दिया गया है. कई वार्ड के नंबर भी इसी तरह बदल दिए गये हैं.

लेकिन इस पूरी प्रक्रिया पर अभी से तलवार लटकनी शुरु हो गई है.

गुरुवार को ही हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में राजनांदगांव, कुम्हारी, तखतपुर और बेमेतरा में परिसीमन पर रोक लगा दी है. अदालत ने पूछा है कि 2011 की जनगणना के आधार पर पर ही तीसरी बार परिसीमन कराने की ज़रुरत क्यों पड़ गई?

इस मामले में दायर याचिकाओं में कहा गया था कि 2011 की जनगणना के आधार पर ही 2014 और 2019 में परिसीमन हो चुका है तो भला फिर परिसीमन की ज़रुरत क्यों पड़ गई? अगर नई जनगणना होती, उसके नये आँकड़े होते तो भी परिसीमन तर्कसंगत था. बिना किसी नये आधार के परिसीमन केवल राजनीतिक कारणों से किया गया है.

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