बजट में कई राज्यों को अतिरिक्त पैकेज, छत्तीसगढ़ कहीं नहीं
रायपुर | संवाददाता: 2024-25 के आम बजट में छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त की तरह कुछ भी नहीं मिला है. राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बहुत-सी मांगें केंद्र से रखी थीं. लेकिन ये मांगे धरी रह गईं.
दिलचस्प ये है कि इस बजट में भाजपा सरकार ने मुख्य सहयोगी दलों के राज्य, बिहार और आंध्रप्रदेश के लिए अतिरिक्त पैकेज तो रखा ही, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, असम और सिक्किम के लिए भी अतिरिक्त राहत की घोषणा की गई.
लेकिन इनमें छत्तीसगढ़ का कहीं उल्लेख तक नहीं हुआ.
बजट व्यय के अनुदान की मांगों के 362 पन्नों में, एक जगह छत्तीसगढ़ शब्द का उपयोग हुआ है.
इसमें कहा गया है-“वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी परियोजना के संदर्भ में छत्तीसगढ़ ने कहा है कि वर्ष 2001 में स्वीकृत कुछ कार्य विस्तारित समय सीमा तक सपूरे नहीं हो सकेंगे. हालाँकि समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं और गृह मंत्रालय ने सुरक्षा दृष्टिकोण से होने वाली मुश्किलों की समीक्षा करने के लिए माननीय गृह मंत्री के स्तर पर भी समीक्षा बैठकें आयोजित की हैं.”
इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ का उल्लेख किए बिना, छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले के कई गांवों को डूबाने वाले पोलामरम बांध को लेकर निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिबद्धता ज़रुर दुहराई.
उन्होंने कहा-“हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना, जो आंध्र प्रदेश और यहां के किसानों की जीवन रेखा है,का वित्तपोषण करेंगे. इसे जल्दी पूरा करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इससे हमारे देश की खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी.”
उन्होंने अपने बजट भैाषण में देश भर के आदिवासी इलाकों के लिए एक अभियान शुरु करने की घोषणा की. इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिल सकता है.
निर्मला सीतारमण ने कहा-“जनजातीय समुदायों की सामाजिक -आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, हम जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी ज़िलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत करेंगे. इसमें 63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा.”