हिंदू हिंसक होते तो राम मंदिर में 500 साल नहीं लगते-खट्टर
रायपुर | संवाददाताः केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि अगर हिंदू हिंसक होते तो श्रीराम मंदिर बनने में 500 साल नही लगते. उन्होंने कहा कि महज 99 सीटें जीतकर कांग्रेस भ्रामक आंकड़े पेश करके झूठ बोलकर अमर्यादित बातें कर रही है.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में कहा था कि हिंदू हिंसक नहीं होता. लेकिन भाजपा पूरे समय हिंसा की बात करती है. मनोहर लाल खट्टर इसी बयान का जवाब दे रहे थे.
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस आज केंद्र की राजग सरकार को अल्पमत की सरकार बताकर झूठ बोल रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2004 और 2009 में यूपीए की सरकार में कांग्रेस ने क्रमशः 145 और 206 सीटें हासिल की थी. जबकि यूपीए को 225 और 262 सीटें मिला थी. अल्पमत की इन सरकारों को थर्ड फ्रंट ने समर्थन दिया था. जबकि आज एनडीए 293 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार है, जिसमें भाजपा की 240 सीट हैं.
खट्टर ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस दरअसल पिछले दो चुनाव में विपक्षी दल की मान्यता भी प्राप्त नहीं कर पा रही थी, इस बार 99 सीटों के साथ मान्यता प्राप्त विपक्ष का दर्जा मिलने को ही अपनी जीत मान रही है. जनता ने प्रधानमंत्री श्री मोदी और एनडीए के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया है.
उन्होंने छत्तीसगढ़ की चर्चा करते हुए कहा कि 2003, 2008, 2013 के बाद 2023 में भाजपा की जीत और 2024 के लोकसभा चुनाव चुनाव में 11 में से 10 सीटों पर शानदार जीत हासिल करने वाली भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ सुनहरे भविष्य के अवसर संवारने वाला प्रदेश है.
उन्होंने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को किसी भी राज्य में सफलता नहीं मिली है. इन सभी में एनडीए की सरकार बनी है. 13 प्रदेशों में कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं चुना गया है. इसके बाद भी कांग्रेस सरकार बनाने की खुशफहमी में जी रही है.
खट्टर ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक सहिष्णु हिन्दू ही है. यदि ऐसा नहीं होता तो भगवान राम का मंदिर बननेे में 500 साल नहीं लगता. हमने धारा 370 हटाने की प्रक्रिया भी शांतिपूर्ण निपटाई है. कांग्रेस शासन काल में होने वाले जातीय और सांप्रदायिक दंगे भाजपा शासन काल में बंद हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि दरअसल विपक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का भय सता रहा है. यदि इनकी सत्ता रही तो जातीय और सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर तुष्टिकरण की राजनीति का विपक्षी एजेंडा और मंसूबा पूरा नहीं होगा.