बिलासपुर जिले में डायरिया का प्रकोप, सैकड़ों बीमार
बिलासपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बस्तर और दुर्ग बाद अब बिलासपुर जिले में डायरिया ने अपने पैर पसार लिए हैं. बिलासपुर के रतनपुर, कोटा, सकरी, मस्तुरी और बिल्हा में बड़ी संख्या में डायरिया के मरीज़ों के कारण इन इलाकों के सरकारी अस्पताल में पैर रखने की जगह नहीं है.
अकेले रतनपुर के महामायापारा इलाके में रहने वाले 50 से अधिक लोगों का इलाज जारी है. बड़ी संख्या में पीड़ित मरीजों को रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा तीन गंभीर मरीजों को सिम्स भेजा गया है. पिछले दो दिनों में यहां 65 नये मरीज मिले हैं.
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दौरे के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर उपचार शुरू किया. इसके अलावा घर-घर सर्वे भी किया जा रहा है. मंगलवार को ज़िले के कलेक्टर अवनीश शरण ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय नागरिकों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की.
बताया गया कि रतनपुर के 12 बोर को डेढ़ साल पहले ही अमानक घोषित कर दिया गया था. विभाग ने इन बोरों को बंद करने को कहा था लेकिन बोर को बंद नहीं किया गया है. पीने के लिए अभी भी उसी बोर से पानी का उपयोग किया जा रहा है. बोर के आस-पास के लोग ही डायरिया से अधिक पीड़ित हैं.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रतनपुर के मदनपुर, करहैयापारा, सिंगरी, कुम्हारपारा, कबीरधाम में भी डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. मंगलवार को इन इलाकों से 13 नए मरीज मिले हैं.
वहीं बिल्हा और मस्तुरी में 17 नये मरीजों की पहचान की गई है. हालांकि 47 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया है.
इसके अलावा कोटा के कई वार्ड में पिछले 48 घंटों में डायरिया के मरीजों की पहचान की गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है.