झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रिहा
रायपुर। संवाददाताः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को जेल से रिहा हो गए. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने शुभचिंतकों का आभार जताया.
हेमंत सोरेन ने कहा कि “न्याय मिलने में बहुत समय लगता है. षड़यंत्र रचकर मुझे सलाखों के पीछे रखा गया. दिल्ली के सीएम जेल के अंदर हैं. मंत्री जेल जा रहे हैं और न्याय के लिए महीनों नहीं, बल्कि सालों लग जाते हैं.”
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शाम 4 बजे जेल से बाहर आए. झारखंड हाईकोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन को शुक्रवार सुबह ही जमानत दी थी. 13 जून को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
जमानत मिलते ही हाईकोर्ट का ऑर्डर फैक्स के जरिए रांची सिविल कोर्ट पहुंचा. बेल बांड भरने और फिर रिलीज ऑर्डर जेल पहुंचने के बाद उन्हें रिहाई मिल गई.
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन के छोटे भाई और राज्य के पथ निर्माण मंत्री बसंत सोरेन बेल बांड भरने दस्तावेजों के साथ सिविल कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट के आदेश के अनुसार 50-50 हजार रुपए के दो मुचलके भरे गए हैं.
हेमंत सोरेन पांच महीने बाद जेल से बाहर आए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि “जब मैं जेल में था तो झारखंड के लोगों के लिए पांच महीने बहुत कठिन थे. आप सब जानते हैं मैं जेल क्यों गया. आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं. लेकिन मुझे चिंता है कि जिस तरह से राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और पत्रकारों का गला घोंटा जा रहा है, वह वास्तव में चिंताजनक है.”
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने शुक्रवार सुबह जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन को जमानत दी थी. हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत मिलने से झारखंड मुक्ति मोर्चा व इंडिया अलायंस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है.
ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
खारिज होती रहीं जमानत अर्जियां
बड़गाई में 8.5 एकड़ जमीन के कथित घोटाला के मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. उसके बाद से उनके वकील लगातार कोर्ट में जमानत की अर्जियां लगा रहे थे.
हेमंत सोरेन ने पीएमएलए कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में जमानत की अर्जी दी, लेकिन बार-बार उनकी जमानत अर्जी खारिज होती रही.
आखिरकार शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने उनको बड़ी राहत दी है.
इसी मामले में अफसर अली, जेएमएम नेता अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद समेत अन्य 10 लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है. सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
13 जून को हाईकोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर 13 जून को आखिरी बार सुनवाई हुई थी. उस दिन उनके वकील कपिल सिब्बल ने अपने मुवक्किल को जमानत देने की पैरवी कोर्ट में की थी.
कपिल सिब्बल की दलीलों का प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के वकील एसवी राजू ने विरोध किया और कोर्ट से आग्रह किया कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जाए.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार की सुबह डबल बेंच की सुनवाई के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की सिंगल बेंच ने अपना आदेश सुना दिया. उन्होंने कोर्ट रूम में एक लाइन का फैसला सुनाया, जिसमें कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत दी जाती है.
झामुमो- कांग्रेस ने जताई प्रसन्नता
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन की जमानत और रिहाई पर प्रसन्नता जताई है और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
हेमंत सोरेन 5 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं. वे होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद थे.
हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को जमानत मिलने और जेल के बाहर आने के बाद झामुमो के साथ ही कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी खुशी का माहौल है.