खलनायक ने बनाया इस फिल्म को हिट
मुंबई। डेस्कः हिन्दी में ऐसी कई फिल्में हैं जिन्हें हीरो-हीरोइन नहीं बल्कि खलनायक ने हिट बनाया है. उनमें से एक है मिस्टर इंडिया. इस फिल्म को याद करते ही खूंखार विलेन मोगैम्बो का वह किरदार याद आ जाता है, जिसे अमरीश पुरी ने बखूबी निभाया था. अमरीश पुरी को इस फिल्म के बाद अलग ही पहचान मिली।
मिस्टर इंडिया फिल्म 1987 में आई थी.लेकिन अमरीश पुरी का वह किरदार आज भी उस समय के लोगों के जेहन में मौजूद है. फिल्म के निर्देशक शेखर कपूर और निर्माता बोनी कपूर थे। फिल्म में मुख्य भूमिका में अनिल कपूर और श्रीदेवी थे, लेकिन फिल्म में अहम किरदार खलनायक का ही था.
फिल्म में इस खलनायक का नाम था मोगैम्बो.
मोगैम्बो दूसरी फिल्मों के खलनायकों से कुछ अलग था. नाम के लिहाज से भी और काम के लिहाज से भी.
असल में यह हॉलीवुड की एक फिल्म का नाम है, जिसके प्रेरित होकर किरदार का नाम रखा गया था.
हॉलीवुड में मोगैम्बो फिल्म का निर्देशन जान फोर्ड ने किया था. पटकथा जान ली माहिन ने लिखी थी. हॉलीवुड की यह रोमांटिक ड्रामा एवं एडवेंचर फिल्म थी. इसमें क्लार्क गेवल, एवा गार्डनर और ग्रेस केली ने अभिनय किया था. निर्माता सैम जिम्बालिस्ट ने हॉलीवुड के एक प्रसिद्ध नाटक क्लब मोकैम्बो का नाम बदल कर यह शीर्षक बनाया था.
हॉलीवुड की यह सुपरहिट फिल्म थी। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए बाफ्टा पुरस्कार और दो ऑस्कर के लिए भी नामांकित किया गया था. फिल्म के कलाकार ग्रेस केली ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए गोल्डन पुरस्कार जीता था।
मिस्टर इंडिया फिल्म में खलनायक की भूमिका जरूर अमरीश पुरी ने बखूबी निभाया हो लेकिन वह निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद नहीं थे. इस रोल के लिए पहली पसंद अनुपम खेर थे. किसी कारण से अनुपम खेर यह फिल्म नहीं कर पाए और उनके स्थान पर अमरीश पुरी को लिया गया। अमरीश पुरी ने मोगैम्बो के इस किरदार को इस तरह निभाया कि बतौर खलनायक यह किरदार बरसों-बरस लोगों के जेहन में रह गया.
मिस्टर इंडिया में अमरीश पुरी का एक चर्चित डॉयलाग था-मोगैम्बो खुश हुआ जो काफी चर्चित हुआ. आज भी लोगों की जुबान पर यह डॉयलाग रचा बसा हुआ है. फिल्म में अमरीश पुरी की वेशभूषा, दमदार आवाज, हंसी और जबरदस्त अदाकारी ने इस किरदार में जान फूंक दिया था. अमरीश पुरी ने इसके बाद भी कई और फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभाए लेकिन मोगैम्बो का किरदार उनके साथ ऐसा जुड़ा कि वह अंतिम समय तक उनकी स्थाई पहचान बना रहा.