संसद के पहले दिन संविधान बचाने के नाम पर इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन
नई दिल्ली | संवाददाता : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन संविधान के मुद्दे पर संसद के बाहर विपक्षी दलों ने जम कर प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों के सांसद अपने साथ संविधान की प्रति लेकर पहुंचे थे.
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब विपक्षी दलों को आपातकाल की याद दिलाई तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने अघोषित आपातकाल लगा रखा है.
आज सभी नवनिवार्चित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है. सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई.
सोमवार को 18वीं लोकसभा का सत्र शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन से बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नये संसद भवन में पहली बार शपथ समारोह का आयोजन किया गया है.
उन्होंने कहा, ”सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है. पर देश चलाने के लिए सहमति बहुत ज़रूरी होती है. हमारी कोशिश होगी कि सबकी सहमति लेकर मां भारती की सेवा करें.”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 25 जून 1975 को आपातकाल लगाए जाने का भी ज़िक्र किया.
नरेंद्र मोदी ने कहा, ”सदन में सामान्य मानव की अपेक्षा रहती है कि बहस हो, निगरानी रखी जाए. लोगों की ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहें, लोग नारे नहीं चाहते हैं. देश को एक ज़िम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है.”
इधर सदन के बाह इंडिया गठबंधन के सदस्यों ने संविधान की प्रतियों के साथ प्रदर्शन किया.
इन सदस्यों का कहना था कि मोदी सरकार संविधान को बदलना चाहती है.
आपातकाल को याद कर कितने दिन हुकूमत चलाना चाहते हैं-खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “जनता ने हमारा साथ दिया है. लेकिन पीएम मोदी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की है. आज सभी पार्टी के लोग एक होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.”
खड़गे ने कहा, “यहां पर गांधी की जो प्रतिमा थी वहीं पर हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये संविधान के हर नियम को तोड़ रहे हैं. हम बताना चाहते हैं कि मोदी जी संविधान के तहत चलिए.”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी द्वारा 1975 के आपातकाल की टिप्पणी को लेकर कहा, “100 बार यही बात करेंगे. इमरजेंसी के 50 साल हो गए. आपने तो अघोषित आपातकाल लगा रखा है. हर बार वही बातें दोहरा कर आप कितने दिन हुकूमत चलाना चाहते हैं?”
इधर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “एनडीए के पहले 15 दिन में भीषण ट्रेन दुर्घटना, कश्मीर में आतंकवादी हमले, ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा, नीट घोटाला, नीट पीजी का पेपर रद्द, यूजीसी नेट का पेपर लीक, दूध, दाल, गैस, टोल और महंगे, आग से धधकते जंगल, जल संकट और हीट वेव में इंतजाम न होने से मौतें हुई हैं.
“बैकफुट पर नरेंद्र मोदी बस अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं. नरेंद्र मोदी जी और उनकी सरकार का संविधान पर आक्रमण हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है और ये हम किसी हाल में होने नहीं देंगे. इंडिया का मज़बूत विपक्ष अपना दबाव जारी रखेगा, लोगों की आवाज़ उठाएगा और प्रधानमंत्री को जवाबदेही से बच कर निकलने नहीं देगा.”