छत्तीसगढ़

बलौदाबाजार हिंसाः भूपेश बघेल ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

रायपुर। संवाददाता. बलौदाबाजार में आगजनी और हिंसा के मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के आयोजनकर्ताओं में से एक किशोर नवरंगे को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट की जा रही है. उसे भोजन नहीं दिया जा रहा है और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस उस पर दबाव डाल रही है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं का नाम लो, तुम्हें छोड़ दिया जाएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किशोर नवरंगे के पिता, भाई, जीजा और सतनामी समाज के लोग उनके मिलने आए थे. उन्होंने एक आवेदन दिया है. उसमें गंभीर बातें लिखी हैं.

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि पुलिस उसे रोज शाम कलेक्टर आफिस ले जाती है. उसके हाथ में पत्थर, डंडा पकड़ाया जाता है. उसे कलेक्टोरेट के ऊपर जबरन पत्थर फेंकने कहा जाता है और उसके वीडियो बनाए जाते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार खुद इस षड्यंत्र में शामिल है. यह बहुत ही गंभीर मामला है.

एक पत्रकारवार्ता में भूपेश बघेल ने कहा कि समाज की मांग है कि जैतखाम को जिसने नुकसान पहुंचाया उसकी जांच हो और दोषियों को पकड़ा जाए, लेकिन पुलिस उसकी जांच नहीं कर रही है, बल्कि घटना को दूसरी दिशा में ले जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है.

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं का नाम लेने के लिए कहा जा रहा है. सरकार में बैठे लोगों के दबाव में पुलिस इस तरह का कृत्य कर रही है. यह घोर निंदनीय है. मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और इस तरह की साजिश नहीं का जानी चाहिए.

भाजपा और शासन-प्रशासन की मिलीभगत

भूपेश बघेल ने कहा- सतनामी समाज के आंदोलन में भाजपा के लोगों की संलिप्तता सामने आई है.जैतखाम को जिसने काटा उसके ठेकेदार से लेकर टेंट लगाने वाले, भोजन की व्यवस्था करने वाले भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं.

उन्होंने कहा कि अखबारों में भी आया है कि भोजन की व्यवस्था सरकारी लोगों ने किया था.शासन-प्रशासन की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता.

भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा नेता सनम जांगड़े खुद इस घटना में शामिल हैं. भाजपा नेताओं के इशारे पर पुलिस काम कर रही है.

विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा

भूपेश बघेल ने कहा कि बलौदाबाजार मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया जाएगा और मामले की जांच के लिए विधायक दल की एक कमेटी बनाई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि घटना के बाद से पुलिसिया आतंक जारी है. लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, जब तक की उनकी चमड़ी नहीं निकल गई.

भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी नेताओं के साथ वे खुद बलौदाबाजार गए थे. लोगों ने बताया कि पुलिस घर-घर जाकर लोगों को तंग कर रही है. पीट रही है.

भूपेश बघेल ने कहा- “हमने तब भी कहा था, जो वास्तविक अपराधी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए, लेकिन जो निरपराध हैं, उन पर किसी प्रकार की पुलिसिया प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए.’’

भाजपा ने किया पलटवार

भाजपा ने भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार किया है.

भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक रंजना साहू ने कहा कि बलौदाबाजार में जितनी हिंसा हुई, उससे भूपेश बघेल का पेट नहीं भरा है. वे अभी भी आग लगाने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आरोपियों के रिश्तेदार भूपेश बघेल के पास पहुंच रहे हैं, उससे यह बात और पुख्ता हो रही है कि घटनाक्रम की पूरी रिपोर्टिंग भूपेश बघेल को भी हो रही थी.

रंजना साहू ने कहा कि बलौदाबाजार की दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा व आगजनी के पीछे नेतृत्व वही कर रहे थे और अब चूंकि जांच चल रही है, दूध का दूध, पानी का पानी होने वाला है तो भूपेश बघेल घबरा गए हैं और घबराहट में अनर्गल प्रलाप रहे हैं.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बलौदाबाजार में हुई आगजनी की भीषण वारदात एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र है और इसमें कांग्रेस की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता.

श्रीमती साहू ने कहा कि बलौदाबाजार मामले को लेकर कांग्रेस अपनी गंदी राजनीतिक सोच से प्रदेश के सामाजिक सौहार्द्र को क्षति पहुंचा रही है.

उन्होंने कहा कि आंदोलन में शामिल कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव, रुद्र गुरु की तस्वीरें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि सामाजिक समरसता को बिगाड़कर विषाक्त वातावरण बनाने में कांग्रेस ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी.मामले की न्यायिक जांच में सारे तथ्य और सत्य सामने आएंगे.

इस साजिश में संलिप्तता का खुलासा होने पर राजनीतिक नौटंकियां करके दबाव बनाने व प्रदेश को गुमराह करने की कांग्रेसियों की ओछी राजनीति सफल नहीं होगी.

क्या है मामला

15 मई की रात गिरौधपुरी से लगे एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.

इसके विरोध में 10 जून को सतनामी समाज के हजारों लोग कलेक्टोरेट के पास दशहरा मैदान में प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे.

जैतखाम क्षतिग्रस्त करने के मामले में तीन लोगों के गिरफ्तार किया गया था, लेकिन लोगों का आरोप था कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं.

पुलिस जानबूझकर दोषियों को बचा रही है.

इसी बात को लेकर 10 जून को प्रदर्शन हुआ, जिसमें उग्र भीड़ ने कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों और वाहनों में आग लगा दी थी.

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