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बलौदा बाज़ार कांड: भीम आर्मी के मुखिया आज़ाद ने दी चेतावनी

रायपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार में हिंसा के बाद शुरु हुई राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के नेता अमित जोगी ने एक जुलाई से आमरण अनशन करने की बात कही है.

वहीं भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा है कि मैं जल्दी ही रायपुर पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करुंगा.

इस बीच बलौदा बाज़ार हिंसा की जांच कर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा के नेता षड़यंत्र को छिपाने के लिए हम पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

भूपेश बघेल ने कहा कि हिंसा मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो आरोपी भी भाजपा के लोग ही निकलेंगे. भाजपा अपनी कमजोरी छिपाने के लिए अनर्गल बात कर रही है.

इधर अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि वे एक जुलाई से आमरण अनशन करने वाले हैं.

चंद्रशेखर आज़ाद ने क्या कहा?

भीम आर्मी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने बलौदा बाज़ार में अमरगुफा को तोड़ने और जैतखाम को फेंकने के मुद्दे को लेकर चिंता जताई है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में सतनामी समाज की पवित्र अमरगुफा को तोड़ने और जैतखाम (सतनामी पंथ के ध्वज) को काटकर फेंकने की घटना के संबंध में शासन द्वारा महीने भर से ज्यादा समय में भी कार्यवाही न करने पर भीम आर्मी, व अन्य संगठन द्वारा शान्तिपूर्वक ज्ञापन देने के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए कृत्यों के लिए प्रशासन द्वारा सभी कार्यकताओं का बर्बरतापूर्ण दमन बेहद पीड़ादायक और निंदनीय है.

चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा है कि निर्दोष लोगों पर कार्यवाही से सतनामी समाज मे डर का माहौल बन गया है.

उन्होंने लिखा है कि ऐसा लगता है कि किसी बदले की भावना से यह सब किया जा रहा है.

भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मामले की निष्पक्ष जांच और कार्यकताओं के इस बर्बरतापूर्ण दमन को तत्काल रोकने की मांग की है और कहा है कि यह दमन हम बर्दाश्त नही करेंगे.

आज़ाद ने जल्द ही रायपुर पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मिलने की बात कही है.

अमित जोगी करेंगे अनशन

अमित जोगी ने कहा कि 10 मई की अमर गुफा घटना की फर्जी विवेचना और 15 जून की घटना पुलिस और प्रशासन की विफलता है. जोगी ने आरोप लगाया कि बीजेपी भी भूपेश सरकार की राह में चल रही है.

उन्होंने कहा कि, 2001 में कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि नान साहेब के आग्रह पर पापा ने कवर्धा जिले का नाम कबीरधाम किया था.

अमित जोगी ने कहा कि इसी परंपरा को बढ़ाते हुए बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि, मातृभूमि और कर्मभूमि बलौदाबाजार जिले को घासीदास धाम किया जाए.

जोगी ने कहा कि हाईकोर्ट के जज की विवेचना रिपोर्ट आने तक सभी बंदियों की बिना शर्त रिहाई की जाए. इन दो मांगों को लेकर मैं 1 जुलाई से बलौदा बाज़ार में आमरण अनशन करूंगा.

क्या हुआ था

15 मई की रात को गिरौधपुरी से लगे हुए एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होने से नाराज़ सतनामी समाज के लोगों ने सोमवार को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी थी.

इसके अलावा 77 गाड़ियों को आग लगा दी गई थी. यहाँ तक कि आग बुझाने के लिए पहुँची दमकल की दो गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था.

उग्र भीड़ इस बात के लिए अड़ी हुई थी कि उनके धार्मिक प्रतीकों को तोड़ने के मामले में राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यायिक जाँच के बजाय, सीबीआई से जाँच कराई जाए.

इस मामले में राज्य सरकार ने तत्कालीन कलेक्टर के एल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को पहले वहां से हटाया और इसके बाद दोनों को निलंबित भी कर दिया.

बलौदा बाज़ार हिंसा के मामले में पुलिस ने सौ से अधिक लोगों को अब तक गिरफ़्तार किया है और यह सिलसिला जारी है.

क्यों नाराज़ था सतनामी समाज

असल में सतनामी समाज के धर्म स्थल गिरौदपुरी धाम के पास 15-16 मई को तोड़फोड़ की गई थी.

गिरौदपुरी धाम से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक मानाकोनी बस्ती में बाघिन गुफा है.

आरोप है कि इसी स्थल पर जैतखाम और पूजा स्थल में तोड़-फोड़ की गई थी.

इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

लेकिन समाज का आरोप है कि जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है, वो असली आरोपी नहीं हैं.

इसके बाद से ही सतनामी समाज मामले की जांच की मांग कर रहा था.

हालांकि राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी थी.

लेकिन इसके बाद भी सोमवार को नाराज़ा भीड़ ने कलेक्टर, एसपी समेत कई सरकारी कार्यालयों को आग लगा दी थी.

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