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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर रायपुर में गिरफ़्तार

रायपुर | संवाददाता : रायपुर पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई, अमन गैंग के शूटर को रायपुर में गिरफ्तार करने का दावा किया है. आरोप है कि इस गैंग को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल कारोबारियों के हत्या की सुपारी दी गई थी.

रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ एसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि 72 घंटे का गोपनीय ऑपरेशन प्लान कर तीन आरोपियों को छत्तीसगढ़ और एक आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है.

इस पूरे मामले में अमन साहू गैंग का मास्टर माइंड मयंक सिंह है. उसने ही पप्पू सिंह को सुपारी दी थी. इसके पहले एक-दो वारदातों में अमन साहू गैंग के लड़के पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे. इस वजह से इस बार मयंक सिंह ने सुपारी बाहर के बड़े गैंग को दी. पुलिस को फिलहाल फरार मयंक सिंह की लोकेशन मलेशिया में मिली है. वहीं से ये ऑपरेट कर रहा था.

पुलिस के अनुसार योजना के मुताबिक मयंक सिंह जो झारखण्ड के अमन साहू गैंग को संचालित करता है, ने बोकारो के रोहित स्वर्णकार को पहले पिस्टल की व्यवस्था हेतु इंदौर भेजा. वहां से उसे एक पिस्टल और एक मैगजिन देकर रायपुर पहुंचने के लिये निर्देशित किया. जहां से उसे गिरफ़्तार किया गया.

उसकी निशानदेही पर दूसरे शूटरों को गिरफ़्तार किया गया, जिसमें पप्पू सिंह, देवेंद्र सिंह, और मुकेश कुमार है. इसमें पप्पू सिंह बाकी तीन शूटरों का मुखिया है और राजस्थान के पाली का रहने वाला है. पप्पू सिंह और उससे जुड़े शूटर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए भी काम कर चुके हैं.

पुलिस का कहना है कि अमन सिंह गैंग को कोयला कारोबारियों से लेवी नहीं मिलने पर हत्या करने की सुपारी दी गई थी. आरोपियों से कहा गया था कि कारोबारियों पर पिस्टल की पूरी मैगजीन खाली करनी है.

आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि गैंग के मेंबर आपस में एक-दूसरे से इंटरनेट कॉलिंग में ही बातचीत करते थे. इसके अलावा ये कुछ ऐसे मैसेजिंग प्लेटफार्म का उपयोग करते थे, जिसमें चैटिंग ऑटोमैटिक डिलीट हो जाती है. आरोपियों ने कई कोड वर्ड भी रखे हुए थे, जैसे की राम-राम का मतलब पुलिस ने पकड़ लिया है और जय माता दी का मतलब सब ठीक है. इसके अलावा ये फोन पर एक-दूसरे को आर्मी और बीएसएफ जैसे नाम लेकर बुलाते थे.

पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 2 जून तक की रिमांड पर सौंपा गया है.

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