10 सालों में माओवादी हिंसा आधी
रायपुर | संवाददाता: देश में पिछले दस सालों में माओवादी हिंसा की घटनाएं लगभग आधी हो गई हैं. माओवादी हिंसा में होने वाली मौतों की संख्या भी कम हुई है.
माओवाद प्रभावित इलाकों में पिछले कुछ सालों में लगातार कैंप खुले हैं. जिसके कारण सुरक्षाबलों की उपस्थिति इन इलाकों में और मजबूत हुई है.
अकेले छत्तीसगढ़ में 2018 के बाद से बस्तर के इलाके में ही सुरक्षाबलों के 54 नए कैंप खुले हैं.
गृह मंत्रालय के 15 जून तक के आंकड़े बताते हैं कि देश में 2014 में जहां माओवादी हिंसा की 1091 घटनाएं हुई थीं.
वहीं 2022 में इन घटनाओं की संख्या घट कर 531 हो गई है.
इसी तरह 2014 में देश में माओवादी हिंसा में 310 लोग मारे गए थे.
2022 में माओवादी हिंसा में मारे जाने वालों की संख्या घट कर 98 रह गई है.
वर्ष | हिंसा की घटनाएं | मौतें |
---|---|---|
2023* | 305 | 69 |
2022 | 531 | 98 |
2021 | 509 | 147 |
2020 | 665 | 183 |
2019 | 670 | 202 |
2018 | 833 | 240 |
2017 | 908 | 263 |
2016 | 1048 | 278 |
2015 | 1089 | 230 |
2014 | 1091 | 310 |
*15 जून 2023 तक के आंकड़े | स्रोत- गृह मंत्रालय |