छत्तीसगढ़ में 19 बाघ थे, अब तक10 के खाल मिले
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में एक और बाघ मारा गया. इसके साथ ही राज्य में पिछले चार सालों में मारे जाने वाले बाघों की संख्या बढ़ कर 10 हो गई है.
बाघों की अंतिम गणना के अनुसार राज्य में 19 बाघ थे. अब जबकि 10 बाघों के खाल बरामद हो चुके हैं, राज्य में बाघों की संख्या को लेकर संशय पैदा हो गया है.
एक के बाद एक, बाघों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में हालत ये हो गई है कि राज्य सरकार अब दूसरे राज्यों से बाघों को ला कर बसाने की योजना बना रही है.
ताज़ा मामले में वन विभाग ने धमतरी के पाठरदहा खाडुपानी से एक बाघ की खाल बरामद की है.
इसके अलावा 4 ज़िंदा मोर और कई दूसरे जानवरों के अंग भी बरामद किए गए हैं. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
46 से 19 और अब… ?
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2014 की गणना में 46 बाघ थे.
लेकिन 2018 में यह संख्या घट कर केवल 19 रह गई.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने इस रिपोर्ट पर अविश्वास जताया. वन मंत्री मोहम्मद अक़बर ने इस रिपोर्ट की जांच की भी बात कही थी. हालांकि इस रिपोर्ट पर चिंतन प्रक्रिया भी चलती रही.
कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बाघों की आबादी दुगनी करने का दावा किया था लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. न तो कॉरिडोर का विकास हो पाया और ना ही नए टाइगर रिजर्व की अधिसूचना सरकार जारी कर पाई.
राज्य में बाघों की संख्या तो नहीं बढ़ी, इसके उलट राज्य में एक के बाद एक बाघ मारे जाने लगे.
दिसंबर 2019 के बाद से अब तक 10 बाघ मारे जा चुके हैं.
एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार 9 दिसंबर को किशनपुरी में बाघ की खाल मिली, वहीं 12 नवंबर 2020 को कबीरधाम में बाघ की खाल मिली.
23 जनवरी 2121 को धमतरी में एक बाघ की खाल मिली. इसी तरह 12 मार्च को बस्तर में तो 20 अगस्त को भानुप्रतापपुर में बाघ की खाल मिली. 25 नवंबर को तेंदुआ सर्किल में बाघ की खाल मिली तो 5 जून 2022 को सरगुजा संभाग के रामगढ़ में बाघ की खाल मिली.
आंकड़े बताते हैं कि 8 अक्टूबर 2022 को कांकेर ज़िले में बाघ की एक खाल मिली. इसी तरह पिछले साल 17 अक्टूबर को सूरजपुर में एक बाघ की खाल बरामद की गई.