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रेल बजट का सफर खत्म होगा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रेल बजट का सफर जल्द खत्म होने वाला है. सूत्रों की मानें तो साल 2017 से रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा बल्कि आम बजट में शामिल कर दिया जायेगा. मंगलवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्यसभा में बताया था कि उन्होंने राष्ट्र हित में रेल बजट को आम बजट में विलय करने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई है.

आम बजट में शामिल हो जाने के बाद रेलवे भी दूसरे विभागों की तरह से हो जायेगा जिसे वित्त मंत्रालय बजट अलॉट करेगा तथा उसके खर्च एवं आमदनी पर नज़र रखेगा.

नीति आयोग के देबराय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को दी अपनी राय में कहा था कि रेल बजट का आम बजट में एकीकरण कर दिया जाये. देवराय की रिपोर्ट कहती है कि संविधान में रेल बजट के लिये अलग से प्रावधान नहीं है. रिपोर्ट कहती है कि रेल बजट के आम बजट में विलय से रेलवे के राजनीतिकरण पर रोक लगेगी.

उल्लेखनीय है कि 1924 तक ब्रिटिश भारत में संयुक्त बजट ही पेश किया जाता था. लेकिन अर्थशास्त्री विलियम एकवर्थ में बनी एक समिति ने इस बात का सुझाव दिया था कि रेलवे का बजट अलग कर दिया जाये.

अतीत में भी रेल बजट के आम बजट में विलय की बात उठती रहीं हैं परन्तु खुद रेल मंत्रालय के विरोध के कारण यह कभी संभव नहीं हो पाया था.

वित्त मंत्रालय ने पांच सदस्यों की एक समिति बनाई है जो रेल बजट तथा आम बजट के विलय के तौर-तरीकों पर काम करेगी तथा अपना सुझाव देगी.

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