‘सहिष्णुता’ की जीत ‘उड़ता पंजाब’
नई दिल्ली | अन्वेषा गुप्ता: ‘सांस्कृतिक असहिष्णुता’ को परास्त कर फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ आज रिलीज होगा. पंजाब के युवाओं को गिरफ्त में लेने वाले ड्रग्स पर आधारित यह फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी के कैंची तथा बाधाओं को पार करते हुये लोगों के मन में पंजाब के उस सामाजिक समस्या के प्रति उत्सुकता जगा दी है जिसे सेंसर बोर्ड अपनी असैविधानिक ताकत से दबा देना चाहता था. इस फिल्म को सेंसर करने के चक्कर में सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी बॉलीवुड के सबसे बड़े ‘जीवंत खलनायक’ साबित हुये.
जिस तरह से पाकिस्तान ने 1986 में कराची हवाई अड्डे से पैनएम विमान को हाईजैक करने की आतंकी कोशिश पर बनी फिल्म ‘नीरजा’ को बैन कर दिया था ठीक उसी तरह से फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ पर भारत में बंदिश लगाने की कोशिश सीबीएफसी ने की जिसे सर्वोच्य न्यायालय ने ख़ारिज़ कर दिया. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को बिना कट के रिलीज कराने के दरम्यान जनता को इस बात का आभास हो गया कि कोई तो ऐसा है जो नहीं चाहता है कि पंजाब की इस ज्वलंत समस्या से जनता को अवगत न कराया जाये. इसके पीछे कोई तो राजनीतिक ताकत है जिसने अपने ‘सांस्कृतिक तौर पर असहिष्णु’ होने की बात साबित कर दी है.
पाकिस्तान ने ‘नीरजा’ के पहले 26/11 पर बनी फिल्म ‘फैंटम’ को बैन किया था. 1973 के भारत-पाक युद्ध के ऑपरेशन कैक्टस-लिली पर आधारित फिल्म ‘हिन्दुस्तान की कमस’ को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था. इसी पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘विजेता’ को भी पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था. फिल्म ‘बॉर्डर’ तथा ‘एलओसी’ जैसी कई फिल्में हैं जिन्हें राजनीतिक कारणों से पाक में बैन किया गया था. जबकि इन फिल्मों में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था कि उसे एक देश बैन करे.
वहीं आजाद तथा सहिष्णु ख्यालात के भारतीय दर्शकों को कभी उम्मीद नहीं थी कि उन्ही के देश के एक राज्य के ज्वलंत समस्या पर बनी फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड इतना नकारात्मक रोल अदा करेगा. अपनी नाकाम कोशिश में पहलाज निहलानी ने केन्द्र सरकार की अच्छी-ख़ासी किरकिरी करवा दी. कहा जाता है कि मूर्ख दोस्त से एक समझदार दुश्मन बेहतर होता है. ठीक उसी तरह से बकौल पहलाज निहलानी की ‘चमचागिरी’ ने केन्द्र सरकार के कई अच्छे कामों की सफेदी पर कालिख मलने का काम किया है.
बहगहाल, बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ शुक्रवार को रिलीज हो रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय के इस फिल्म को रिलीज करने के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. फिल्म के निर्माताओं व व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म बॉक्स आफिस पर काफी सफल रहेगी.
अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी यह फिल्म पंजाब में व्याप्त नशे की समस्या पर आधारित है, जिसका देशभर में 2,000 स्क्रीन पर प्रदर्शन किया जाएगा. इसके निर्माताओं के मुताबिक बुधवार को ऑनलाइन लीक होने के बावजूद फिल्म की रिलीज से पहले की बुकिंग तेजी से जारी है.
सिनेपोलिस इंडिया के निदेशक देवांग संपत ने कहा, “उड़ता पंजाब की एडवांस बुकिंग तेजी से जोर पकड़ रही है. सेंसर बोर्ड के साथ हुए विवाद के कारण दर्शकों में इस फिल्म को लेकर उत्सुकता बढ़ी है. मैं समझता हूं कि हर कोई इसे देखना चाहता है. शुक्रवार और शनिवार के शो की आधी बुकिंग हो चुकी है.”
वितरक राजेश ठडानी का कहना है, “इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं. मुझे उम्मीद है कि यह पहले दिन 15-20 करोड़ रुपये की कमाई करेगी बशर्ते यह हरियाणा और पंजाब में भी रिलीज हो.”
पंजाब के फिल्म वितरक सुरेंद्र सलूजा को भरोसा है कि उनके राज्य में यह फिल्म ‘जोरदार कमाई’ करेगी.
उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि कुछ लोग फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. लेकिन, मुझे नहीं लगता कि इससे कोई असर होगा. इस फिल्म को अभी तक कई दिक्कतें झेलनी पड़ी हैं. अब इस पर किसी चीज का असर नहीं हो सकता.”
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने निर्माताओं से फिल्म में 89 कट लगाने के लिए कहा था. कट की इस संख्या को बाद में इसकी पुनरीक्षण समिति ने घटा कर 13 कर दिया था.
बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने इसे केवल एक कट के साथ हरी झंडी दे दी. जिस दृश्य को काटा गया उसमें फिल्म के हीरो शाहिद कपूर भीड़ के सामने पेशाब करते दिखाए गए हैं.
इसमें यह भी कहा गया है कि इसके निर्माता तीन डिसक्लेमर दिखाएं, “हम ड्रग के प्रयोग को बढ़ावा नहीं देते, हम गाली के प्रयोग को बढ़ावा नहीं देते और हम किसी खास राज्य को निशाना नहीं बना रहे.”
बुधवार शाम तक फिल्म के निर्माता चिंतित थे कि फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो पाएगी या नहीं. पंजाब की एक मानवाधिकार संस्था ने शीर्ष न्यायालय में इस फिल्म के खिलाफ याचिका दायर कर इस पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि इसमें पंजाब को गलत तरीके से दिखाया गया है.
हालांकि ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माताओं को सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट बुधवार शाम को ही मिल गया था. हैरत की बात है कि इस पर बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के नाम लिखे है, जिन्होंने फैसला सुनाया था.
लेकिन, इसके बाद भी समस्या दूर नहीं हुई.
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पंजाब और पंजाब के लोगों को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगा कर दायर की गई याचिका को खारिज करने के बाद निमार्ताओं ने राहत की सांस ली ही थी कि यह फिल्म ऑनलाइन लीक हो गई.
इसके बाद फिल्म की टीम ने काफी भागदौ़ड़ कर आननफानन में इसे इंटरनेट से हटवाया.
इस फिल्म के सह निर्माता अनुराग कश्यप ने सीबीएफसी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह लीक ‘निहित स्वार्थो द्वारा अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए की गई है.’
फिल्म में शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट एवं दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिका में हैं.
बॉलीवुड सितारों ने लोगों से ‘उड़ता पंजाब’ का पायरेटेड संस्करण देखने के बजाय इसे सिनेमाघरों में देखने का आग्रह किया है, जिससे फिल्म के कलाकारों की दो साल की कड़ी मेहनत बर्बाद न हो.
फिल्म की अभिनेत्री आलिया भट्ट ने ट्विटर पर लिखा, “दोस्तों, दो साल की कड़ी मेहनत, खून-पसीना बर्बाद न करें..कृपया ‘उड़ता पंजाब’ सिनेमाघरों में ही देखें.”
फिल्म में टॉमी सिंह नाम के एक रॉकस्टार की भूमिका निभा रहे शाहिद कपूर ने लिखा, “इस फिल्म में कइयों ने अपना खून पसीना बहाया है. यह हमारे साथ-साथ आपकी भी लड़ाई है. अब समय है जब आप दिखा सकते हैं. ‘उड़ता पंजाब’ सिनेमाघरों में देखें.”
(एजेंसी इनपुट के साथ)