राज्यसभा चुनाव में BJP भारी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राज्यसभा की 27 सीटों में से भाजपा ने 12, सपा ने 7 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं. भाजपा को हरियाणा तथा राजस्थान में भारी जीत मिली है परन्तु उसका दांव उत्तरांचल तथा उत्तरप्रदेश में न चल सका. राजस्थान और हरियाणा में भारी जीत हासिल करने वाली लेकिन उत्तराखंड में बड़ा झटका खाने वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में भी बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2 में सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल हुई है.
राज्यसभा चुनाव में 12 सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अच्छी बढ़त हासिल की और उच्च सदन में संख्या बल में विपक्षी दल कांग्रेस से अंतर को कम करने में सफल रही. उच्च सदन में भाजपा अल्पमत में है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक की राज्यसभा की 27 सीटों का मतदान समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने 6, समाजवादी पार्टी ने 7 और बहुजन समाज पार्टी ने 2 सीटें जीतीं.
राज्यसभा की 16 राज्यों से कुल 58 सीटें पिछले दो माह से खाली हैं. पिछले माह 30 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे.
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की रणनीति ने कमाल कर दिया है. भाजपा के चारों राज्यसभा उम्मीदवारों की धमाकेदार जीत हुई है. वसुंधरा और परनामी की जोड़ी ने अपना शानदार राजनीतिक कौशल दिखाते हुए कांग्रेस के सभी समीकरणों को ध्वस्त कर दिया और ‘कमल’ के सामने नहीं टिक सके कांग्रेस समर्थित मोरारका.
भाजपा प्रत्याशियों ओमप्रकाश माथुर और वैंकेया नायडू को 42-42 वोट मिले. डॉ रामकुमार वर्मा-हर्षवर्धन सिंह को 40-40 वोट मिले जबकि कांग्रेस समर्थित कमल मोरारका को सिर्फ 34 वोट मिले.
राजस्थान में भारी जीत हासिल करने वाली भाजपा को हरियाणा में भी बड़ी जीत हासिल हुई है. कांग्रेस नेता और उघोगपति नवीन जिंदल के तमाम विरोध और कोशिशों के बावजूद भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा चुनाव जीत गए हैं जबकि 2014 में फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव हार चुके मशहूर अधिवक्ता आरके आनंद 2016 में राज्यसभा चुनाव भी हार गए हैं.
आरके आनंद इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे और कांग्रेस ने भी उनको अपना समर्थन दिया था लेकिन चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई और आरके आनंद राज्यसभा चुनाव हार गए.
यहां पर भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा को 34 वोट, भाजपा प्रत्याशी चौधरी बीरेंद्र सिंह को 31 वोट तथा इनेलो प्रत्याशी आरके आनंद को सिर्फ 25 वोट मिले.
भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा ‘ज़ी मीडिया’ न्यूज़ चैनल समूह के मालिक हैं जबकि तलवारें खिंचने के बाद नवीन जिंदल ने भी ‘फोकस’ नाम का न्यूज़ चैनल ख़रीदकर ‘न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया’ के नाम से नया न्यूज़ चैनल लांच किया था.
न्यूज़ चैनल इंडस्ट्री में भी नवीन जिंदल अपने विरोधी डॉ सुभाष चंद्रा को कोई चुनौती नहीं दे पाए थे और अब राज्यसभा चुनाव ना हरवा पाने के बाद नवीन जिंदल एक बार फिर डॉ सुभाष चंद्रा से मात खा गए हैं.
उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा एक बार फिर चुनाव जीतकर अपनी सीट बचाने में सफल रहे. जबकि भाजपा के अनिल गोयल ने लगातार दूसरी बार हार का स्वाद चखा.
उत्तराखंड में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 32 वोट मिले जबकि भाजपा के अनिल गोयल को मिले सिर्फ 26 वोट मिले. अभी हाल ही में उत्तराखंड सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश करके कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करने वाली भाजपा के लिए ये लगातार दूसरी हार है.
उत्तराखंड कांड करके भाजपा ने इतनी बदनामी मोल ले ली है कि राज्य में उसके ही 2 विधायक पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक़ उत्तराखंड में भाजपा के 4 और विधायक जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं.
राजस्थान और हरियाणा में भारी जीत हासिल करने वाली लेकिन उत्तराखंड में बड़ा झटका खाने वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में भी बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2 में सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल हुई है.
उत्तरप्रदेश विधानसभा में सदस्यों के हिसाब से यहां पर भी भाजपा के हिस्से में सिर्फ 1 सीट ही आनी थी जिस पर भाजपा ने शिवप्रताप शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन भाजपा ने गुजरात के एक धनपशु कारोबारी की पत्नी-प्रीति महापात्रा को भी निर्दलीय रूप से चुनाव में उतारकर उत्तरप्रदेश की सियासी फिज़ा में गर्मी पैदा कर दी थी.
कई दिन चले प्रचार-प्रसार के बीच भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति महापात्रा पर विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त के गंभीर आरोप लगे.
भाजपा ने शुक्रवार को हुए उत्तरप्रदेश विधानपरिषद चुनाव में भी 1 अतिरिक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारकर ख़रीद-फरोख़्त और क्रॉस वोटिंग को बढ़ावा दिया था लेकिन वहां पर झटका खाने के बाद शनिवार को राज्यसभा को लेकर हुए चुनावी मतदान में भाजपा को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी. भाजपा अपनी सीट तो बचाने में कामयाब रही और भाजपा के शिवप्रताप शुक्ला चुनाव जीत गए लेकिन गुजरात से इंपोर्ट कराकर लाई गई भाजपा समर्थित प्रीति महापात्रा को हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस-भाजपा के बीच हुए कड़े घमासान में कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने प्रीति महापात्रा को भारी शिकस्त देकर वापस गुजरात भेज दिया.
इस चुनाव में जहां बीएसपी के 2 प्रत्याशी सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ चुनाव जीतने में सफल रहे वहीं सूबे की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को भारी जीत हासिल हुई. क्रॉस वोटिंग के बावजूद सपा के सभी 7 प्रत्याशी बहुत ही आसानी से राज्यसभा का चुनाव जीत गए हैं.
1-ठाकुर अमर सिंह,
2-बेनी प्रसाद वर्मा,
3-संजय सेठ,
4-सुखराम यादव,
5-कुंवर रेवती रमण सिंह,
6-सुरेन्द्र सिंह नागर और
7-विशम्भर प्रसाद निषाद.
उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर सबसे ज़्यादा बग़ावत के सुर उठ रहे हैं जिसके बावजूद सपा के सभी 7 प्रत्याशी राज्यसभा चुनाव जीतने में सफल रहे लेकिन अब देखना ये होगा कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में महज़ 8 महीने का वक़्त बचा हुआ है और सूबे की सत्ता में वापसी का ख़्वाब संजोए समाजवादी पार्टी हाईकमान अपने इन नवनियुक्त सैनिकों के सहारे सत्ता में वापसी को लेकर कितना फायदा उठा पाता है.
वहीं झारखंड में भाजपा ने 2 सीटें जीत ली. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार विजयी रहे. इस बीच आरोप है कि एकजुट विपक्ष को हराने में क्रॉस-वोटिंग ने मदद की.
चुनाव के बाद विवाद बढ़ने पर झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के बाबू लाल मरांडी ने कहा, “भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है. राज्यसभा चुनाव में धनबल ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.”
मध्य प्रदेश में भाजपा ने 2 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को 1 सीट मिली है. भाजपा की ओर से पूर्व पत्रकार एम. जे. अकबर और अनिल माधव दवे विजेता रहे हैं. विजेता विवेक तन्खा कांग्रेस के उम्मीदवार थे.
कर्नाटक में केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भाजपा की ओर से विजयी रहीं जबकि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस को 3 सीटें मिलीं. कांग्रेस के ऑस्कर फर्नाडीस, जयराम रमेश और के. सी. राममूर्ति विजयी रहे.