राष्ट्र

जलजले से हिला पूर्वी भारत

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: म्यामांर में आये भूकंप से भारत का पूर्वी इलाका कांप उठा. भूकंप का केन्द्र म्यामांर में 134 किलोमीटर गहराई में था. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई. बुधवार शाम 7.29 बजे आये इस भूकंप से भारत के कोलकाता, पटना, असम, यूपी, हरियाणा तथा दिल्ली-एनसीआर कांप उठे. कोलकाता में लोग अपने घरों से निकलकर बाहर आ गये. कोलकाता में भूकंप के इसके दुबारा आने की अफवाह फैल गई.

भूकंप की वजह से असम में मोबाइल नेटवर्क में दिक्कतें आ रही हैं. इसके साथ ही पूरे राज्य में बिजली सप्लाई भी ठप हो गई. असम की सीएम तरुण गोगोई ने बताया कि भूकंप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. भूकंप के झटक महसूस होने के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आये थे.

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेट्रो को रोक दिया गया था और कोलकाता मेट्रो स्टेशन की दीवार में दरार भी देखने को मिली है.

रविवार को भी भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए थे. उस वक्त भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की हिन्दूकुश की पहाड़ियों थीं. रविवार को भूकंप की तीव्रता 6.8 थी. उस दिन भूकंप के झटके अफगानिस्तान, पाकिस्तान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के अनेक हिस्सों में महसूस किये गये थे.

भारत में भूकंप के झटकों से अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है.

भूकंप आता कैसे है?
पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख एवं कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के केंद्र से जो ऊर्जा निकलती है वह किसी परमाणु बम से कम नहीं होती. यह धरती की परतों को चीरते हुए सतह तक आती है.

भारतीय उपमहाद्वीप की परतें 5.5 सेंटीमीटर की दर से उत्तर की ओर खिसक रही हैं. कई बार ये आपस में टकराती हैं. लगातार टक्कर से परतों की दबाव सहने की क्षमता खत्म होती जाती हैं. परतें टूटने के साथ उसके नीचे मौजूद ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं. इस वजह से हिमालय क्षेत्र में भूकंप आता है.

भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है. पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं.

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