शिप्रा का अपहरण नहीं हुआ था
गुड़गांव | समाचार डेस्क: जिस फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक के अपहरण को लेकर हो-हल्ला मचा था उसने खुद ही घर छोड़ दिया था. पुलिस को शिप्रा मलिक ने कहा कि उसने पारिवारिक झगड़े के चलते घर छोड़ा था उनका अपहरण नहीं हुआ था. उत्तर प्रदेश के नोएडा से 29 फरवरी को लापता हुई फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक को पुलिस ने गुड़गांव से बरामद किया है. पुलिस ने उनके लापता होने और वापस आने की कहानी शुक्रवार को बयां करते हुए बताया कि शिप्रा का अपहरण नहीं हुआ था. मेरठ परिक्षेत्र की पुलिस उप महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने नोएडा में संवाददाताओं को बताया कि पारिवारिक झगड़े और संपत्ति विवाद के चलते शिप्रा ने घर छोड़ा था. टीवी पर अपने घरवालों और बच्चे की तस्वीरें देखकर वह द्रवित हो गईं और पुलिस में मामला दर्ज होने की बात सुनकर वापस लौट आईं.
शिप्रा ने पहले अपहरण की कहानी बनाई थी. उन्होंने टीवी शो ‘क्राइम पेट्रोल’ देखकर यह कदम उठाया था. शिप्रा राजस्थान के एक आश्रम में भी गई थीं.
डीआईजी के मुताबिक शिप्रा का मेडिकल टेस्ट कराया गया है, जिसमें किसी भी तरह की चोट की पुष्टि नहीं हुई है.
मामला बढ़ता देख शिप्रा ने अपने पति को फोन किया और अपने बारे में बताया.
प्रारम्भिक पूछताछ के दौरान शिप्रा ने नोएडा से तीन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा स्वयं का अपहरण किये जाने की बात बताई तथा यह भी कहा था कि वह किसी तरह छूट कर भागीं हैं.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, शिप्रा के मोबाइल फोन से मिली जानकारी के आधार पर जब उनसे सवाल किए तो उन्होंने बताया कि वह पारिवारिक विवाद के चलते परेशान थीं. इसी कारण बिना किसी को बताए चली गई थीं.
पुलिस के मुताबिक जब उन्होंने विभिन्न चैनलों पर अपने अपहरण का समाचार सुना और अपने 16 माह के बच्चे की फोटो देखी तो उनका हृदय पिघल गया. इसलिए गुड़गांव में एक सरपंच के जरिये पुलिस को सूचना दी.
शिप्रा गुरुवार-शुक्रवार रात करीब सवा एक बजे अचानक गुड़गांव से 14 किलोमीटर दूर स्थित सुल्तानपुर गांव में नरेंद्र सैनी नाम के एक ग्रामीण के घर पहुंचीं. उन्होंने बताया कि उनका अपहरण कर लिया गया था और बाद में उन्हें अपहरणकर्ताओं ने छोड़ दिया.
शिप्रा ने गांव वालों से कहा कि 29 फरवरी को नोएडा के एक बाजार से उनका अपहरण हो गया था. इस दौरान उन्हें कहां रखा गया, यह वह नहीं बता सकतीं क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने उनकी आंखों पर पट्टी बांध रखी थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह पुलिस की सहायता नहीं चाहती हैं.
गांव के सरपंच राकेश कुमार ने कहा, “वह रो रही थीं, डरी हुई थीं. वह पुलिस की मदद भी नहीं चाह रही थीं. लेकिन, हमने उन्हें बताया कि हमें गुड़गांव पुलिस को बताना पड़ेगा. इसके बाद हमने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया. ”
इसके बाद इंस्पेक्टर मधु के नेतृत्व में पुलिस टीम गांव में पहुंची और शिप्रा को फरुखनगर पुलिस थाना ले गई.
पुलिस के अनुसार देर रात करीब ढाई बजे शिप्रा के परिजन भी नोएडा पुलिस के साथ थाने पहुंचे. पुलिस ने शिप्रा को उनके सुपुर्द कर दिया.
शिप्रा के पति चेतन मलिक बिल्डर हैं. पत्नी के गायब होने की शिकायत उन्होंने नोएडा पुलिस में दर्ज कराई थी.