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अदालत में हमला राजनीति प्रेरित था: कन्हैया

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि अदालत परिसर में उन पर किया गया हमला पूर्व नियोजित था. कन्हैया कुमार ने कहा कि दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट के परिसर में उन्हें दोनों दिन पीटा गया था. कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि उन पर किया गया हमला राजनीति से प्रेरित था. देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक वीडियो में कहा है कि पटियाला हाउस अदालत परिसर में वकीलों की जिस भीड़ ने उनपर हमला किया, वह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित थी और उन्होंने हमले की योजना पहले से बना रखी थी. कन्हैया कुमार व कुछ पत्रकारों को पटियाला हाउस अदालत परिसर में 15 और 17 फरवरी को पीटा गया था.

हमले को याद करते हुए कन्हैया ने एक वीडियो में कहा है कि हमलावरों में से एक अदालत कक्ष के उस गलियारे में भी घुस आया था, जहां सुनवाई होनी थी. यह वीडियो समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन ने प्रसारित किया है.

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष ने वीडियो में यह भी कहा है कि इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण हमलावर बच निकले. पटियाला हाउस अदालत परिसर में हिंसा की जांच कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के एक दल के समक्ष कन्हैया की गवाही के दौरान की यह फूटेज है.

बकौल कन्हैया, वकीलों की भीड़ हमले के लिए पहले से तैयार थी, क्योंकि जब वह अदालत परिसर के मुख्य द्वार पर पहुंचे तो उसने लोगों को कहते सुना कि ‘कन्हैया आ गया है.’

छात्र नेता के अनुसार, “वकीलों ने नारे लगाते हुए मुझपर हमला शुरू कर दिया. मुझे लगता है कि वे पूरी तरह राजनीति से प्रेरित थे.”

कन्हैया कुमार ने जांच दल से कहा कि हमलावरों ने उन पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया, जो उसके मार्गरक्षण के लिए तैनात किए गए थे.

कन्हैया कुमार ने कहा, “मैं इस देश का नौजवान हूं. मैं जेएनयू में पीएचडी कर रहा हूं. लोग कह रहे हैं कि मैं देशद्रोही हूं. कुछ मीडिया मेरा ट्रायल कर रहा है.”

उसने कहा, “लेकिन मैंने न्यायाधीश से कहा है कि संविधान में मेरा पूरा विश्वास है.”

कन्हैया कुमार ने कहा, “वकील मुझे अदालत परिसर के मुख्य द्वार से अदालत कक्ष पहुंचने तक पीटते रहे. एक हमलवार अदालत कक्ष के गलियारे तक पहुंचने में कामयाब रहा. वह अदालत कक्ष के ठीक बगल वाले कमरे में मौजूद था, जहां सुनवाई होनी थी.”

उन्होंने कहा, “मैंने अदालत में मौजूद दिल्ली पुलिस से कहा कि यह वही आदमी है, जिसने मुझपर हमला किया था. हमलावर ने वकील की वर्दी भी नहीं पहन रखी थी. दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने का भी प्रयास नहीं किया और वह भाग निकला. हमले के दौरान मेरे कपड़े फाड़ डाले गए और मेरा चप्पल भी खो गया.”

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त दल ने पुलिस उपायुक्त नई दिल्ली जतिन नरवाल से पूछा कि पुलिस कन्हैया कुमार की सुरक्षा करने में क्यों नाकामयाब रही और हमलावर अदालत कक्ष के गलियारे तक कैसे पहुंचा.

नरवाल ने जवाब दिया कि वह तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन हमलावर की पहचान नहीं हो सकी, क्योंकि वह कन्हैया की सुरक्षा में लगे दक्षिणी दिल्ली के पुलिस दल के साथ घुसा था.

दक्षिणी दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने जांच दल के सदस्यों से कहा कि कन्हैया कुमार के साथ गलियारे में घुसने वाले व्यक्ति ने खुद को उसका वकील बताया था.

कन्हैया और जेएनयू के अन्य छात्रों पर नौ फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. कन्हैया को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

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