अलीगढ़ी ‘अलीगढ़’ से नाखुश क्यों?
अलीगढ़ | मनोरंजन डेस्क: अलीगढ़ के कुछ बुद्धिजीवी जिसमें जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लोग भी शामिल है का फिल्म ‘अलीगढ़’ के नाम तथा कहानी पर आपत्ति है. उनका कहना है कि अलीगढ़ तहजीब के लिये जाना जाता है जबकि इस फिल्म से उसकी एक अलग तस्वीर पेश की जा रही है. उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस को समलैंगिक रिश्तों के कारण कैंपस से बाहर कर दिया गया था. फिल्म 26 फऱवरी को रिलीज होने वाली है. खबर है कि उससे पहले कुछ लोग इसे अदालत में ले जाना चाहते हैं. अलीगढ़ के बुद्धिजीवियों के एक वर्ग ने समलैंगिक रिश्तों पर आधारित हंसल मेहता की फिल्म का नाम ‘अलीगढ़’ रखने पर नाखुशी जताई है. मिल्लत बेदारी मुहिम के सदस्यों ने कहा कि फिल्म अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के समलैंगिक रिश्तों पर आधारित है, जबकि इससे जुड़े मामले में आज तक कुछ भी अंतिम रूप से साबित नहीं हुआ है.
संगठन के सचिव जासिम मोहम्मद ने कहा कि फिल्म को देखकर ऐसे लगता है कि अलीगढ़ में समलैंगिक रिश्ते आम बात हैं. ऐसी छवि की वजह से अभिभावक बच्चों को पढ़ने के लिए अलीगढ़ भेजने से हिचकेंगे. दरअसल में प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस नागपुर के रहने वाले थे परन्तु उनका अलीगढ़ से इतना प्रेम था कि कैंपस से निकाले जाने के बाद भी वह उसी शहर में रहे थे. अंत में उऩका शव उनके घर में पाया गया था.