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हरियाणा में अब भी तनाव

चंडीगढ़ | समाचार डेस्क: हरियाणा के कुछ इलाकों में सोमवार को भी तनाव बना रहा. आरक्षण की मांग कर रहे जाटों ने हिंसा की ताजा वारदात को अंजाम दिया. दूसरे समुदायों की तरफ से जवाबी हिंसा होने से स्थिति और बिगड़ी. हालात को काबू में करने के लिए कर्फ्यू का सहारा लेना पड़ा. हालात को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया. राज्य में पिछले नौ दिनों से जारी हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य को हिलाकर रख देने वाली अप्रत्याशित हिंसा में 200 के करीब लोग घायल भी हुए हैं.

सरकार ने हिंसा में तबाह हुई निजी रिहायशी या व्यावसायिक संपत्तियों के लिए मुआवजा देने का फैसला किया है. सरकार ने कर्तव्य पालन में पुलिस व नागरिक प्रशासन के अफसरों की लापरवाही की जांच का भी फैसला किया है.

राज्य में सोमवार को फिर हिसा भड़क उठी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली से महज 55 किलोमीटर के फासले पर स्थित सोनीपत जिले के लडसोली गांव के पास जाट प्रदर्शनकारियों ने सेना पर ईंट-पत्थर से धावा बोल दिया. सेना को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं. यह घटना जाटों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक को फिर से बाधित करने के बाद हुई.

हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में बीते एक हफ्ते में जाटों के आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि हरियाणा मंत्रिमंडल की सोमवार को बैठक हुई. इसमें जाट आंदोलन के बाद के हालात की समीक्षा की गई.

शर्मा ने स्वीकार किया कि हिसा की नई घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि एनएच-1 पर यातायात जल्द ही सामान्य हो जाएगा.”

सेना ने सोमवार सुबह जाट आंदोलनकारियों को खदेड़कर सोनीपत जिले में मुनक नहर को अपने नियंत्रण में लिया. इसी नहर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति की जाती है.

शर्मा ने कहा कि मुनक नहर के पास जमा जाट नेताओं से बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि सोमवार तड़के 2.30 बजे दिल्ली को पानी आपूर्ति बहाल की गई.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “मुनक नहर की हिफाजत करने के लिए सेना और केंद्र का धन्यवाद. दिल्ली के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है. हमारे पास पानी खत्म हो चुका है.”

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सोमवार को जाट आरक्षण के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. यह जानकारी कृषि मंत्री संजीव बाल्यान ने दी.

बताया जा रहा है कि हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के बाद हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने धमकी दी कि हिंसा में मरे लोगों को अगर मुआवजा दिया गया तो वह इस्तीफा दे देंगे. विज, कृषि मंत्री ओ.पी.धनकड़ के सोमवार दोपहर किए गए इस ट्वीट से नाराज हैं कि हिंसा में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि विज का तर्क है कि आरक्षण के लिए आंदोलन अभी भी जारी है और हिंसा भी थमी नहीं है. उनका कहना है कि मरने वाले दंगे में शामिल रहे होंगे, और ऐसे में उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा सकता.

रोहतक और कुछ अन्य जगहों पर सोमवार को फिर से हिंसा की घटनाओं के बाद तनाव फैल गया.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि जाटों ने अभी भी सड़क और रेल यातायात को कुछ जगहों पर बाधित किया हुआ है.

दिल्ली-हिसार राजमार्ग (एनएच-10) को रोहतक से 25 किलोमीटर के फासले पर स्थित संपाला के पास बाधित किया गया है.

अधिकारियों का कहना है कि राज्य के कई हिस्सों में हालात सामान्य भी हो रहे हैं. रोहतक में कर्फ्यू में एक घंटे की छूट दी गई. हिसार और हांसी शहरों से कर्फ्यू हटा लिया गया है.

पिछले तीन दिनों से सोनीपत और पानीपत जिलों में राजमार्ग पर आंदोलनकारियों के जमे होने की वजह से एनच-1 पर हजारों लोग और वाहन फंसे हुए हैं. इस वजह से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और चंडीगढ़ का सड़क संपर्क टूट गया है.

वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-अंबाला और दिल्ली-बठिंडा सेक्शन पर रेल यातायात बहाल करने में अभी कुछ और समय लग सकता है, क्योंकि पहले पटरियों की मरम्मत और निरीक्षण करना पड़ेगा. आंदोलनकारियों ने अलग-अलग जगहों पर रेल पटरियां उखाड़ दी थीं.

जाट आंदोलन की वजह से करीब 900 ट्रेनें रद्द हैं.

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि रविवार को भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जाटों को आरक्षण देने का ऐलान करने के बाद प्रदर्शनों की तीव्रता में कमी आई है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार तड़के अपने ठिकानों की ओर लौटना शुरू कर दिया.

भाजपा ने जाट समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया है और आश्वासन दिया है कि हरियाणा विधानसभा में अगले सत्र में इस बारे में एक विधेयक लाया जाएगा. जाट समुदाय के नेताओं ने आंदोलनकारियों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है.

कई जगहों पर हालांकि अब भी युवा जाटों ने रास्तों को बाधित किया हुआ है. उनका कहना है कि जब तक वे हरियाणा सरकार की तरफ से ‘कार्रवाई’ होते नहीं देखेंगे, तब तक नहीं मानेंगे.

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