कलारचना

दिलों को जोड़ेंगे फिल्मकार

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: भारत तथा पाकिस्तान के कुछ फिल्मकार आपस में मिलकर दोनों देशों के लोगों के दिलों को जोड़ने का प्रयास करेंगे. भारत-पाक विभाजन के 70 वर्ष पूरे होने पर एक गैर-राजनीतिक मंच के माध्यम से दोनों देशों के चुनिंदा फिल्मों को एक साथ प्रस्तुत किया जायेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक विवादों के बीच अपर्णा सेन, तनूजा चंद्रा और केतन मेहता सहित छह भारतीय निर्देशक और महरीन जब्बार, साबिहा समर और मीनू फरजाद जैसे छह पाकिस्तानी निर्देशक देश के विभाजन का 70वां वर्ष शुरू होने के मौके पर एक गैरराजनीतिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच पर साथ आ रहे हैं. ‘जिंदगी’ चैनल की 2014 में लांचिंग के बाद, जिसने पाकिस्तान की टीवी सामग्री को भारतीयों के करीब लाया, जील फॉर यूनिटी दोनों देशों के बीच दूरियां मिटाने के लिए जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा दोनों देशों के रचनात्मक वैचारिक नेतृत्व क्षमता का इस्तेमाल करने की दूसरी पहल है.

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ पुनीत गोयनका ने कहा, “यह पहल हमारे वसुधव कुटुंबकम की मान्यता के अनुरूप है, जिसका अर्थ होता है कि पूरा विश्व मेरा परिवार है. यह लोगों को एकजुट करने की एक पहल है और सांस्कृतिक समानताओं के जरिए लोगों तक पहुंचने का एक सर्वश्रेष्ठ तरीका है.”

पाकिस्तानी निर्देशकों में महरीन जब्बार, साबिहा समर, खालिद अहमद, शहबाज समर, सिराज उल हक और मीनू फरजाद शामिल हैं. और भारतीय निर्देशकों में अपर्णा सेन, तनूजा चंद्रा, केतन मेहता, निखिल आडवाणी, तिग्मांशु धूलिया और बिजॉय नाम्बियार शामिल हैं.

इन सभी निर्देशकों की 12 फिल्मों की कहानियां विविधरंगी हैं और ये अलग-अलग विषयों पर हैं.

इन 12 फिल्मों को डिजिटल रूप में और प्रसारण के साथ दर्शकों के बीच पहुंचाने का विचार है.

गोयनका ने कहा कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के लिए एक पाकिस्तानी कंपनी के साथ साझेदारी की बातचीत चल रही है, ताकि फिल्मों को वहां भी मंच मिल सके.

यह पूछे जाने पर कि क्या इस पहल को सरकार की तरफ से भी कोई मदद है. उन्होंने कहा, “मेरा काम सांस्कृतिक माध्यमों से लोगों को जोड़ना है, सरकार के साथ जुड़ना नहीं.”

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