छत्तीसगढ़

एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्यवाही दिखावा

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एसीबी की कार्यवाही को दिखावा करार दिया है. मंगलवार को रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने आरोप लगाया राज्य में एसीबी सिर्फ छापे की कार्यवाही कर खाना पूर्ति मात्र करती है. वह दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने की दिशा में उदासीन है.

भूपेश बघेल ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया भाजपा सरकार भ्रष्ट अधिकारियों की आश्रयदाता बन गयी है. नान घोटाले की डायरी मे आईएएस विकासशील का भी नाम है लेकिन विकासशील के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसी डायरी में मुख्य सचिव के कार्यपालन के अधिकारियों के नाम थे. मुख्य सचिव विवेक ढांढ को क्यों छोड़ा गया? विवेक ढांढ के स्टाफ को क्यों छोड़ा गया? मिश्रा और देवांगन को क्यों छोड़ा गया?

नान घोटाले पर भूपेश बघेल ने सवाल खड़ा किया दोषी आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला, अनिल टूटेजा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली. 90 दिन में स्वीकृति नहीं मिलने पर एसीबी बिना स्वीकृति के चालन प्रस्तुत कर सकती थी पर ऐसा नहीं किया गया. 17 अगस्त को एसीबी ने अभियोजन की अनुमति मांगी थी. यह समय 90 दिन से ज्यादा 150 दिन हो चुके है.

भ्रष्ट्राचार पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बघेल ने पूछा 10,000 रू. घूस लेने के मामले आईएस अधिकारी रणवीर शर्मा पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी. उलटे रणवीर शर्मा को मंत्रालय में पोस्ट कर दिया गया, क्या घूस लेने की यही सजा है.

इसी प्रकार वाणिज्य कर विभाग में एस.एल. अग्रवाल, एडिशनल कमिश्नर, कामर्शियल टेक्स के पद पर 12 साल से रायपुर में है. उनके यहां एसीबी ने 2014 में छापेमारी की कार्यवाही की थी. एसीबी के द्वारा 2014 में रेड के एक माह के बाद एस.एल. अग्रवाल को रायपुर में पुनः पद पर नियुक्त कर दिया गया है. भ्रष्ट्राचार के आरोपों से घिरे अधिकारी को भ्रष्ट्राचार रोकने की जवाबदारी दे दी गयी. छत्तीसगढ़ में कामर्शियल टेक्स के पालिसी चेंज करने के लिये इसी व्यक्ति को जवाबदारी दे दी गयी.

भूपेश बघेल ने कहा राज्य सरकार कथनी और करनी का अंतर बंद करे. प्रदेश की ढाई करोड़ जनता की गाढ़ी कमाई के भ्रष्ट्राचार में लिप्त अधिकारियो पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें.

जीरम कांड में शामिल नक्सली की शाही शादी- टी एस सिहदेव
इसी पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव जीरम कांड में शामिल नक्सली के पुलिस द्वारा विवाह संपन्न कराये जाने पर जमकर बरसें. उन्होंने कहा पुलिस और सरकार का यह कृत्य निंदनीय और गैर जिम्मेदाराना है. जीरम का हमला सामान्य वारदात नही था. दुर्दांत नर संहार था. निहत्थे मासूम और बेकसूर लोगों को घेर कर गोलियों से भून डाला गया था. इस हमले में प्रदेश की जनता ने अपने बड़े-बड़े नेताओ को खोया था. इस हमले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल कोई भी व्यक्ति दया और रियायत का पात्र कभी नही हो सकता. इस हमले में बर्बरता और क्रूरता की सीमा को पार कर दिया गया था. स्व. दिनेश पटेल के चेहरे के ऊपर कुल्हाड़ी से वार किया गया. स्व. विद्याचरण शुक्ल जैसे 84 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति को भी नही छोड़ा गया. ऐसे हमले में शामिल अपराधी को उसके स्वीकारोक्ति के बाद भी दंड देने के बजाय ईनाम दिया जा रहा. उसकी शादी करवाई गयी पूरा पुलिस अमला ऐसे खुशिया मना रहा था मानो उनने कोई किला फतह कर लिया हो. उसको सरकारी नौकरी दे दी गयी. टीएस सिंहदेव ने सवाल किया सरकार साबित क्या करना चाहती है. कोई सरकार इतनी गैर जिम्मेदार और सम्वेदनहीन कैसे हो सकती है.

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