राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राज्यसभा में दलितों के खिलाफ टिप्पणी और मोहन भागवत की राम मंदिर के निर्माण पर टिप्पणी को लेकर खूब हंगामा हुआ. जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई. भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर में शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वी.के. सिह को न केवल मंत्रालय बल्कि संसद से भी हटा दिया जाना.
आजाद ने कहा, “उन्होंने दो दलित बच्चों की हत्या की तुलना कुत्तों से की. वह केंद्रीय मंत्रिमंडल और यहां तक कि संसद में भी नहीं रह सकते.”
कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य इस मुद्दे पर सभापति की आसंदी के पास पहुंच गए. वे ‘वी.के. सिंह मुर्दाबाद’ और ‘दंगा, फसादों की सरकार नहीं चलेगी’ सरीखे नारे लगा रहे थे.
बढ़ते हंगामे के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “वे बिना किसी मुद्दे के भी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वे केवल राजनीतिक फायदा लेने के लिए यह मुद्दा उठा रहे हैं.”
सभापति हामिद अंसारी ने हालांकि सदन चलाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और बसपा के सदस्यों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी. जब हंगामा नहीं रुका तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बसपा अध्यक्ष मायावती ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा, “केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में सामाजिक एवं सांप्रदायिक माहौल खराब हुआ है.”
मायावती ने कहा, “यह दुखद है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है. कल वी.के. सिंह पर सरकार का रवैया बेहद दुखद था.”
इस पर उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर कोई नोटिस नहीं आया है. उन्होंने मायावती से इस मुद्दे पर नोटिस देने के लिए कहा.
इसके बाद बसपा के सदस्य सभापति की आसंदी के समक्ष पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
हंगामे को देखते हुए उपसभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
इसके बाद जब सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न् 11.30 बजे शुरू हुई तब भी बसपा सांसदों ने यह मुद्दा उठाया. वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर आरएसएस प्रमुख भागवत की टिप्पणी का जिक्र किया.
उन्होंने भागवत के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है.
बसपा और सपा के सदस्य सिंह और भागवत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए. वे दोनों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
इस पर नकवी ने कहा कि मंदिर निर्माण के बारे में बोलना हर किसी का अधिकार है.
सपा सदस्यों को समर्थन देते हुए कुछ कांग्रेस सदस्य भी सभापति की आसंदी के समक्ष पहुंच गए.
सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की, लेकिन सांसदों ने उनकी बात अनसुनी कर दी, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.