महिला लड़ाकू पायलट की मंजूरी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अब भारत में भी महिला लड़ाकू पायलटों की नियुक्ति होगी. महिला लड़ाकू पायलटों के पहला बैच 2016 में बनेगा तथा 2017 से वे लड़ाकू विमान को उड़ाने लगेंगी. हालांकि, दूसरे कई देशों में महिला लड़ाकू पायलट पहले से ही हैं. परन्तु भारत में पहली बार सेना के तीनों अंगो में वायुसेना में उन्हें लड़ने की इजाजत दी है. इससे पहले उनसे परिवहन आदि का काम कराया जाता था. रक्षा मंत्रालय ने लड़ाकू विमानों में पायलट के तौर पर महिलाओं की नियुक्ति के वायुसेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक अधिकारी के मुताबिक, महिला पयलटों का पहला बैच वायुसेना में जून 2016 में तैनात किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, “रक्षा मंत्रालय ने लड़ाकू विमान में महिलाओं की तैनाती को मंजूर कर लिया है.”
प्रवक्ता ने कहा, “वायुसेना के लड़ाकू वर्ग में पहले बैच के महिला पायलटों का चुनाव आईएएफ एकेडमी के वर्तमान बैच में से किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “कमीशंड पायलटों को एक साल का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा और वे जून 2017 तक लड़ाकू विमानों के कॉकपिट में प्रवेश करेंगी.”
गौरतलब है कि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस के मौके पर घोषणा की थी कि महिलाओं को लड़ाकू विमान में पायलट के रूप में तैयार किया जाएगा. तीनों सेनाओं में से वायुसेना पहली होगी, जिसमें महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं के लिए तैनात किया जाएगा.
एक आधिकारिक बयान में इसे एक प्रगतिशील कदम बताया गया है और कहा गया है कि महिला पायलटों का प्रदर्शन सराहनीय रहा है.
बयान के मुताबिक, “यह प्रगतिशील कदम महिलाओं की उम्मीदों और विकसित देशों में सशस्त्र सेनाओं के आधुनिक तौर तरीकों के अनुरूप है. परिवहन और हेलीकॉप्टर में तैनाती के बाद से ही उनका प्रदर्शन सराहनीय और अपने पुरुष समकक्षों के समान है. अब लड़ाकू वर्ग में तैनाती उन्हें इन भूमिकाओं में भी अपनी योग्यता साबित करने का अवसर देगी.”
वर्तमान में वायुसेना में महिलाओं को उड़ान शाखा की परिवहन और हेलीकॉप्टर वर्ग, नेवीगेशन, ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, प्रशासन, रसद, लेखा, शिक्षा और मौसम विज्ञान शाखाओं में तैनात किया जाता है.
इस फैसले के बाद महिलाएं वायुसेना की सभी शाखाओं नियुक्ति के लिए योग्य हो गई हैं. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में जून 2013 से ही महिला लड़ाकू पायलटों की नियुक्ति हो चुकी है. आयशा फारूख वहां की पहली महिला लड़ाकू पायलट हैं.