छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: दाल-रोटी खाना भी महंगा

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में दाल-रोटी खाना भी महंगा होता जा रहा है. पहले कहा जाता था कि मध्यम वर्ग तो दाल-रोटी पर गुजारा करता है. अब वहीं दाल की कीमत आसमान पर है. रायपुर में अरहर की दाल का खुदरा मूल्य 200 रुपये तक पहुंच गया है. दालों की कीमतें बढ़ने का प्रमुख कारण फसल की बर्बादी माना जा रहा है तो कुछ लोग बाजार में व्यवस्थित रूप से दालों के नहीं पहुंचना महंगाई की वजह मान रहे हैं याने की जमाखोरी. कारण चाहे जो भी हो, दाल की कीमतों ऐसी ही बढ़ती रहीं तो सामने आ रहे दशहरा-दीवाली तक ये 200 रुपये का आंकड़ा भी पार कर लेगा.

महंगी दालों से निजात दिलाने के सरकारी प्रयास भी जारी हैं. छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य विभाग ने विभिन्न बंदरगाहों में आयातित दालों को लाने का नीतिपरक निर्णय लिया है. इसके तहत बंदरगाहों से रायपुर तक दाल लाने प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर केंद्र स्तर पर ही निर्णय होना है.

बताया जाता है कि अरहर दाल की कीमत 15-20 दिनों में ही 30 रुपये के लगभग बढ़ गई है. इसके पीछे कुछ व्यापारी आवक कमजोर होने को कारण बता रहे हैं.

वहीं स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि दाल की कीमतें जिस तेजी से दोहरे शतक की ओर बढ़ रही है, इससे आने वाले समय में इसकी कीमतें का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि ये कहां तक जा पहुंचेगा, क्योंकि सामने दशहरा-दीवाली जैसा बड़ा त्योहार है.

छत्तीसगढ़ शासन ने जिला कलेक्टरों को राज्य में अरहर दाल, चना दाल और मसूर दाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनके विक्रय पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.

परिपत्र में कहा गया है कि राज्य में विगत चार महीनों के दौरान दालों के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. छत्तीसगढ़ आवश्यक वस्तु व्यापारी (अनुज्ञापन तथा जमाखोरी पर निबर्धन) आदेश-2009 के तहत राज्य शासन द्वारा व्यापारियों एवं कमीशन एजेंटों के लिए किसी एक समय में सभी प्रकार की दालों की अधिकतम स्टॉक सीमा एक हजार क्विंटल निर्धारित की गई है.

परिपत्र में कहा गया है कि दालों के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की बैठक लेकर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करें. यदि दालों के परिवहन और भंडारण के संबंध में किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल इसका निराकरण करें.

दालों के अनुज्ञप्तिधारियों से उनके कारोबार स्थल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा और मूल्य की सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए. अनुज्ञप्तिधारियों से दालों के उपलब्ध स्टॉक की प्राप्तियां एवं विक्रय आदि की मासिक विवरणी प्राप्त करें और इसके आधार पर स्थानीय प्रशासनिक अमले द्वारा आकस्मिक रूप से स्टॉक की जांच कराए.

कहा गया है कि जांच के दौरान उपलब्ध स्टॉक की अनावश्यक रूप से बिक्री रोके जाने या जमाखोरी से संबंधित प्रमाण पाए जाने पर स्टॉक जब्त करें और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत राजसात की कार्रवाई करें.

कलेक्टरों से कहा गया है कि जिले में दालों के दैनिक बाजार भाव की सतत रूप से निगरानी करें और बाजार में कीमत अचानक बढ़ने पर नियमानुसार तत्काल कार्रवाई करें. कलेक्टरों द्वारा की गई कार्रवाई से संचालक खाद्य को अवगत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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