छत्तीसगढ़: मंत्री पर उत्पीडन का आरोप
रायपुर | बीबीसी: छत्तीसगढ़ के एक मंत्री पर उन्हीं के मातहत महिला कर्मचारियों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. महिला का आरोप है कि जब उन्होंने मंत्री के खिलाफ शिकायत की तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. वहीं विपक्षी कांग्रेस ने मंत्री को बर्खास्त किये जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है. छत्तीसगढ़ में एक वरिष्ठ मंत्री के ख़िलाफ़ कथित यौन दुर्व्यवहार के मामले में आवाज़ उठाने वाली महिला अधिकारी को नौकरी से हटाये जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है.
विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
वहीं मंत्री सफाई दे रहे हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है.
पंचायत, ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा जैसे कई विभाग संभाल रहे मंत्री अजय चंद्राकर पर आरोप है कि उन्होंने राज्य ग्रामीण विकास संस्थान में प्रशिक्षण के लिए आई कुछ महिला अधिकारियों के साथ अपने निवास पर दुर्व्यवहार किया.
000शिकायत
पीड़ित महिलाओं ने इसकी शिकायत राज्य ग्रामीण विकास संस्थान में अपनी प्रशिक्षक डॉक्टर मंजीत कौर से की, जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई विशाखा कमेटी की अध्यक्ष भी थीं.
भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक की ओर से अपने काम के लिए सम्मानित मंजीत कौर कहती हैं, “लड़कियां बेहद डरी हुई थीं और उन्हें किसी मंत्री से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं थी. मैंने इस मामले की शिकायत अपने संस्थान के निदेशक से की.”
लेकिन इसके बाद मंत्री के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, उल्टे अपने काम के लिये मंजीत कौर को नौकरी से निकाल दिया गया. मंजीत कौर को निकाले जाने की नोटशीट सीधे मंत्री अजय चंद्राकर ने जारी की.
000सफाई
हालांकि मंत्री अजय चंद्राकर के पास अपनी सफाई है. वह कहते हैं, “मैंने कब, किसके साथ दुर्व्यवहार किया, किसने मेरी विशाखा कमेटी से शिकायत की, इसका मुझे नहीं पता. मंजीत कौर को नौकरी से क्यों निकाला गया, यह तो अफ़सर ही बेहतर बता सकते हैं.”
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह का तर्क है कि मंत्री और अधिकारी के बीच शाय़द कोई ग़लतफहमी हो गई होगी लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले को आसानी से नहीं छोड़ना चाहती.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का आरोप है, “रमन सिंह हमेशा से दागियों को बचाते रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इस मामले में मंत्री अजय चंद्राकर के ख़िलाफ़ वह ज़रुर कार्रवाई करेंगे. ऐसा नहीं होने पर हम सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे.”