सउदी डिप्लोमैट हर दिन करता था रेप
गुड़गांव | संवाददाता: सऊदी डिप्लोमैट ने नेपाली महिला और उसकी बेटी के साथ महीनों रेप किया. 20 साल की इस लड़की और 44 साल की उसकी मां का कहना था कि उनके साथ एक-एक दिन में 7-8 लोग रेप करते थे. विरोध करने पर उन पर कई बार हमला भी किया गया.
पुलिस द्वारा सोमवार को सउदी डिप्लोमैट के गुड़गांव स्थित घर से छुड़ाई गई मां-बेटी ने रोंगटे खड़े करने वाली दास्तान सुनाई है. उनका कहना है कि डिप्लोमैट के यहां जब भी कोई गेस्ट आता तो हमें नहाने के लिए कहा जाता. फिर वो गेस्ट भी हमारे साथ रेप करता. डिप्लोमैट की पत्नी ने कभी हमें बचाने की कोशिश नहीं की बल्कि वह खुद हमें पीटती थी.
दोनों को मूल रुप से खाना बनाने के लिये रखा गया था लेकिन कुछ दिनों के भीतर ही उनका हिंसक यौन शोषण किया जाने लगा. इससे पहले उन्हें सउदी अरब ले जाया गया था लेकिन वहां ऐसे कोई हरक़त नहीं की गई. लेकिन 15 दिन वहां रह कर लौटने के बाद ही डिप्लोमैट ने रेप का सिलसिला शुरु कर दिया. दोनों मां बेटी को अलग-अलग शहरों में भी ले जा कर डिप्लोमैट ने अपने दोस्तों से रेप करवाया.
मुक्त कराई गई दो महिलाओं में से एक ने मीडिया को बताया कि दोनों के साथ मारपीट की जाती थी और उन पर चाकू से भी हमला किया गया. महिला ने अपनी बांह भी दिखाई जिस पर चाकू से वार किया गया था. महिला ने बताया कि राजनयिक के सुरक्षा गार्ड्स ने गुड़गांव आवास में पुलिस के साथ भी मारपीट की.
सऊदी राजनयिक कथित तौर पर प्रथम श्रेणी सचिव के दर्जे का है.
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि इस मामले में पुलिस द्वारा आरोप तय करने और आरोपी व्यक्ति से पूछताछ की जरूरत आने पर विदेश मंत्रालय इसमें अपनी भूमिका निभाएगा.
इसके विपरीत सऊदी अरब के दूतावास ने राजनयिक के खिलाफ इन आरोपों को खारिज किया है और इसे प्राप्त तथ्यों के विपरीत बताया है.
गुड़गांव पुलिस ने राजनयिक और अज्ञात लोगों के खिलाफ मंगलवार को डीएलएफ-2 पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376-डी (सामूहिक दुष्कर्म), 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक यौनसंबंध) और धारा 342, 323 और 120-बी (साजिश) के तहत मामले दर्ज किए हैं.
इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. भारत में नेपाल के राजदूत दीप उपाध्याय ने बुधवार को मीडिया से कहा कि अधिकारिक तौर पर हमें यह जानकारी नहीं है कि आरोपी राजनयिक है या नहीं. नेपाल में इस मामले की समानांतर जांच की जा रही है.
उपाध्याय ने इस विषय में यह कहते हुए अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया कि पुलिस जांच अभी जारी है, इसलिए इस संबंध में अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है.
उपाध्याय ने कहा कि स्थानीय पुलिस से मामले की जानकारी मिलने के बाद विदेश मंत्रालय के सहयोग से नेपाली महिलाओं को मुक्त कराया गया है.