छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में स्टील प्लांट की हड़ताल

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ हड़ताल पर जायेंगे. यह हड़ताल 1 सितंबर से होगी. उल्लेखनीय है कि 1 जून 2015 से बिजली टैरिफ की दरों में 27 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद प्रति मिनी स्टील प्लांट को 16 लाख रुपए का अतिरिक्त बिल देना पड़ेगा. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि रायपुर से 300 किमी दूर रायगढ़ में स्थित जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड जिंदल पार्क में स्थापित 32 मिनी स्टील प्लांटों को 2.50 रुपए प्रति यूनिट से बिजली दी जा रही है. इनके अलावा बाकी सभी प्लांटों को 5.78 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है.

गौरतलब है कि मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग में मिनी स्टील प्लांटों के बिजली मुद्दे पर सुनवाई को लेकर एक बैठक होनी थी. जिसे अब दस दिन और बढ़ा दिया गया है तथा इस पर फैसला 4 सितंबर को होगा. इसके बाद मंगलवार शाम को ही स्टील उद्योगपतियों ने बैठक की. इस बैठक में ही निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी मिनी स्टील प्लांटों में 1 सितंबर से उत्पादन बंद हो जाएगा.

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सुराना ने कहा कि उद्योगपतियों को अभी तक केवल आश्वासन मिला है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को उद्योगों के हितों के लिए उचित निर्णय लेना चाहिए. प्लांट बंद होने से लोगों के सामने रोजगार की भी समस्या आ जाएगी. इसके साथ ही औद्योगिक विकास भी रुक जाएगा.

छत्तीसगढ़ में 195 मिनी स्टील प्लांट हैं. इनमें हर महीने 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन इन्गाड एवं बिलेट का उत्पादन होता है. इन प्लांटों में हर दिन 400 मेगावाट की बिजली खपत होती है. इस बिजली का 150 करोड़ रुपए हर महीने भुगतान किया जाता है. मंदी और आर्थिक तंगी के बावजूद 50 हजार मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. इसके बाद भी राज्य सरकार ने इस साल 27 फीसदी बिजली दर में बढ़ोतरी कर प्लांटों को बंद कराने की तैयारी कर ली है.

उदयोगपतियों का कहना है कि पिछले साल तक स्टील का प्रमुख निर्यातक रहा भारत आज इसका आयातक बन चुका है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में विदेशी स्टील के आयात में 69 फीसदी की जबर्दस्त तेजी आई है. अप्रैल 2014 से जनवरी 2015 के बीच भारत में 81.20 लाख टन स्टील का आयात हुआ था, जिसमें सिर्फ चीन से 29 लाख टन स्टील का आयात किया गया था. आंकड़ों की बात करें तो चीन से होने वाले आयात में 205 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

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