भारतीय शेयर बाजार गिरा
मुंबई | समाचार डेस्क: वैश्विक जुगाड़ो वाली भारतीय शेयर बाजार सोमवार को धाराशाई हो गया. इसके सबसे बड़े कारण चीन के शंघाई शेयर बाजार का गिरना माना जा रहा है. खुद वित्तमंत्रई अरुण जेटली ने स्वीकार किया है कि “इस गिरावट के लिए जिम्मेदार कारण देश से बाहर मौजूद हैं”. इससे पहले 17 मई 2004 को सेंसेक्स 11.13 फीसदी गिरावट का शिकार हुआ था. इसी के साथ शेयर बाजार के छलांगों को देश का विकास बताने वाले सहमे से हैं. एक अनुमान के अनुसार सोमवार के गिरावट से निवेशकों के लगभग 7 लाख करोड़ रूपये 6 घंटे में डूब गये. देश के शेयर बाजारों में फिर एक बार सोमवार को ही अंकों के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,624.51 अंकों की गिरावट के साथ 25,741.56 पर और निफ्टी 490.95 अंकों की गिरावट के साथ 7,809.00 पर बंद हुआ. रुपये में भी सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई और यह प्रति डॉलर 66.74 के गत दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 635.67 अंकों की गिरावट के साथ 26,730.40 पर खुला और 1,624.51 अंकों या 5.94 फीसदी गिरावट के साथ 25,741.56 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,730.40 के ऊपरी और 25,624.72 के निचले स्तर को छुआ.
कमजोर वैश्विक रुझानों और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज में आठ फीसदी से अधिक गिरावट तथा न्यूनतम वैकल्पिक कर पर सरकार के रुख से संबंधित चिंता के कारण सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट रही. यह सेंसेक्स की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले 21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 7.4 फीसदी या 1,408.35 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था.
सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट रही. वेदांता 15.30 फीसदी, टाटा स्टील 13.11 फीसदी, गेल 12.78 फीसदी, ओएनजीसी 11.17 फीसदी और बजाज ऑटो 9.09 फीसदी में सर्वाधिक गिरावट रही.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 244.00 अंकों की गिरावट के साथ 8,055.95 पर खुला और 490.95 अंकों या 5.92 फीसदी गिरावट के साथ 7,809.00 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,060.05 के ऊपरी और 7,769.40 के निचले स्तर को छुआ.
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी भारी गिरावट रही. मिडकैप 861.91 अंकों की गिरावट के साथ 1,0354.74 पर और स्मॉलकैप 1,022.54 अंकों की गिरावट के साथ 10,587.90 पर बंद हुआ.
बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में गिरावट रही. रियल्टी 10.93 फीसदी, तेल एवं गैस 9.20 फीसदी, बिजली 8.12 फीसदी, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु 7.23 फीसदी और धातु 7.18 फीसदी में सर्वाधिक गिरावट रही.
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा. कुल 301 शेयरों में तेजी और 2,489 में गिरावट रही, जबकि 54 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस गिरावट के विषय में एक सम्मेलन में कहा, “इस गिरावट के लिए जिम्मेदार कारण देश से बाहर मौजूद हैं. यह गिरावट क्षणिक है. बाजार में जल्द ही स्थिरता आ जाएगी.”
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, “बेहतर विकास दर, कम चालू खाता घाटा, कम वित्तीय घाटा, कम महंगाई दर और विशाल विदेशी पूंजी भंडार के साथ भारत की स्थिति मजबूत है.”
जियोजीत बीएनपी पारिबास के तकनीकी अनुसंधान सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय निवेशक उभरते बाजारों और खासकर चीन में बिकवाली कर रहे हैं. अमरीकी और यूरोपीय कंपनियों में भी सुस्ती के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं.”
वैश्विक बाजारों में चीन के शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 8.45 फीसदी गिरावट रही. शेंझेन कंपोनेंट इंडेक्स में 7.27 फीसदी गिरावट रही.
हांगकांग शेयर बाजार में लगातार सातवें दिन गिरावट रही. हैंग सैंग इंडेक्स में 5.17 फीसदी गिरावट रही.
अमरीका में डाऊ जोंस औद्योगिक सूचकांक भी शुरुआती कारोबार में छह फीसदी से अधिक गिरावट के साथ 1,000 अंक से अधिक नीचे कारोबार करता देखा गया.