भारतीय अर्थव्यवस्था का संकट
नंद कश्यप
सरकार का खोखलपन लगातार उजागर हो रहा है. प्रधानमंत्री जी के 15 अगस्त के भाषण को अभी दस दिन भी नही हुआ कि इनके तमाम झूठ झूठे आंकड़ों के खेल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे धीरे एक गंभीर संकट की तरफ बढ़ रही है. ऐसा कहने वालों की ओर इंगित (जिसमें RBI गवर्नर शामिल हैं) करते हुए कहा था कुछ लोग जानबूझ कर निराशा फैलाने का काम कर रहे हैं. अब जबकि सारी दुनिया के अर्थशास्त्री यह मानने लगे हैं कि हम एक बड़ी मंदी की ओर बढ़ रहे हैं.
यहाँ तक कि आईएमएफ ने अपने 2015 विकास रिपोर्ट में अपने बच्चे को न अपनाने की सलाह दे डाला है, ये बच्चा है मितव्ययिता और ढ़ांचागत सुधार, वो कहता है कि चालू खाते के घाटा को नियंत्रित करने की जगह सरकारें जनकल्याण रोजगार आदि पर खर्च बढ़ाएँ ताकि बाज़ार में रौनक लौटे. चीन सहित दुनिया के बहुत से देश सकल घरेलू उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था के दुष्प्रभाव को देखते हुए उससे निकलने के गंभीर प्रयास कर रहे हैं, ठीक उसी समय हम चीन से आगे निकल गये का ढिंढोरा मोदी सरकार पीट रही है, कभी मनमोहन सिंह की उम्र की ओर बढ़ रहा रुपया का ताना देने वाले बताएंगे कि वह अब किसकी उम्र की ओर बढ़ रहा है. सस्ते तेल के बावजूद देश की जनता मंहगाई से त्रस्त है.
अभी के रुझान और मानसून की बेरुखी इंगित कर रहे चना, गेहूँ भी मंहगाई पर हैं. सरकार ने अभी तक दोनों जिन्सों को वायदा कारोबार से बाहर नही किया है. अब जबकि अमरीका खुद में कुछ बड़े कारोबारी और बैंक डालर की जगह अपना बिटकायन चला रहा हैं.
अमरीकी वाल स्ट्रीट डेली इनकम के अनुसार….
“Explosive Cryptocurrency Replacing the U.S. Dollar?
The U.S. dollar is in trouble, long term.
With the national debt rising… With the Fed’s printing presses on overdrive… With rival currencies springing up around the world… Many experts believe the dollar’s reign is coming to an end.
As hedge-fund legend Jim Rogers says: “The dollar is a terribly flawed currency.”
So how can investors protect themselves from a potential dollar crash… and make money at the same time?
An emerging cryptocurrency – a form of electronic money – could be the answer.
According to Wall Street Daily founder Robert Williams, this currency is everything the dollar is not.
1.) This currency is 100% backed by REAL goods and services
2.) Its a passive stream of value. You never have to change your life OR invest extra income.
3.) Another popular crypto-currency recently gained 1,632,316% for early adopters. This one could soar even higher.
No wonder Williams’ research has uncovered a pattern among some of the world’s biggest banks. Bottom line: They’re amassing positions alongside this currency right now, ahead of what could be a huge runup.
It’s not just elite banks and companies. Multi-millionaire comedian Jerry Seinfeld uses it when he travels. George Clooney plays characters who use it AND uses it himself when he gets off set.
Williams has found a way regular folks can invest in it.
In fact, he predicts returns of over $56,000 in the next 9 months.
What currency should you be taking advantage of?”
इस समाचार को लगाने का आशय यही है कि अपने द्वारा पैदा किए संकट को ये स्वयं हल करने में सक्षम नहीं हैं इसलिए खुद को एक दबड़े में बंद कर जीवन के लिए बेहद जरूरी जिन्सों का स्थाई स्टाक बना एकतरह से वस्तु विनिमय क़ो डिजीटल तरीके से करेंगे. इससे दुनिया भर में जीवनावश्यक वस्तुओं की कीमतें और बढ़ेंगे. सोमवार को शेयर बाज़ार अपने इतिहास के सबसे बड़े गिरावट के साथ बंद हुआ (सेंसेक्स 1624 अंक गिरा). निवेशकों के लगभग 7 लाख करोड़ रूपये 6घंटे में डूब गए.
हमारे वित्त मंत्री चारों ओर घबराहट में भी गाल बजा रहे कि हम सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाले अर्थव्यवस्था हैं, और हम तीसरी पीढ़ी के सारे सुधार लागू करेंगे यानि सारे के सारे सार्वजनिक संस्थान बेच दिए जाएंगें अब तोते को जितना रटाया है वह वही न बोलेगा. अभी नीति आयोग के प्रमुख पनगढ़िया साहब का बोलना बाकी है.
खैर मैं अपने वित्तमंत्री जी से एक सवाल पूछना चाहता हूँ हमारी अर्थव्यवस्था कैसे सबसे तेज है? अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के मूल्य डेढ़ साल पहले की तुलना में एक चौथाई रह गई है, इसके अतिरिक्त आयातित धातुओं में गिरावट, खाद्य तेलों में गिरावट के बावज़ूद रूपये के मूल्य में क्यों गिरावट है. चीन तो अपने यहाँ भारी मात्रा में निर्मित माल को सस्ते में बेचने के लिए अपने मुद्रा का अवमूल्यन कर रहा है, आप को इसमें क्या लाभ होगा.
जनता के लिए जरूरी प्याज़ और दालें और मंहगी होंगें. लेकिन मंत्री जी आप अभी भी जनता को झूठा दिलासा इसलिए दें रहे हैं कि जनता शेयर बाजारों से दूर न चल दे. और हां आपने मजदूरों के भविष्य निधि का छः हज़ार करोड़ रुपये जो बाज़ार में निवेश किया है गारंटी देंगें कि लाभ तो छोड़िए मूल वापस होगा पांच साल बाद.
पनगढिया जी सबक लीजिए और इस अवसर का लाभ उठाईये किसान को सम्मान दीजिए और खेती में निवेश बढाईये. जब खेती पर 66 फीसदी लोग निर्भर हैं तो उस पर उतना ही बजट दीजिए देखिए हम सचमुच दुनिया की एक नंबर अर्थव्यवस्था होंगे.