सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा हो
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है बिना भेदभाव के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जाये. हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका गिरजाघरों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिये की गई थी परन्तु अदालत ने सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कहा है. सरकारी वकील ने भी केवल गिरजाघरों की सुरक्षा से संबंधित याचिका को लेकर सवाल उठाये. उच्च न्यायालय ने गिरजाघरों की सुरक्षा पर एक याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में किसी भी धार्मिक जगह पर हमला नहीं होना चाहिए. गिरजाघरों पर लगातार हो रहे हमलों के मद्देनजर, उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर ईसाइयों के धार्मिक अधिकारों का संरक्षण तथा अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से जांच की मांग की गई.
वहीं केंद्र सरकार ने याचिका को सांप्रदायिक करार देते हुए कहा, “यह केवल गिरजाघरों से ही संबद्ध क्यों होना चाहिए, बिना धार्मिक भेदभाव के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जानी जाहिए.”
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल ने कहा, “चाहे वह गिरजाघर, मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा हो, हमें सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.”
गृह मंत्रालय की तरफ से न्यायालय में पेश हुए वकील अनिल सोनी ने सवाल किया कि यह याचिका केवल गिरजाघरों तक ही क्यों सीमित है. उन्होंने कहा, “मंदिरों, मस्जिदों या गुरुद्वारों पर भी हमले हुए हैं. इस पर कोई कुछ नहीं कहना चाहता. आपको सभी धर्मो की चिंता होनी चाहिए.”
सुनवाई के दौरान हमले पर न्यायालय ने दुख जताते हुए कहा, “यह ऐसी चीज है, जिससे हर किसी को दुख पहुंचता है. किसी भी धार्मिक जगह पर कोई हमला नहीं होना चाहिए.”
न्यायाधीश ने कहा, “हजारों साल से हम एक दूसरे के साथ सद्भावना से रहते आए हैं. यदि हम एक देश के रूप में जीवित रहना चाहते हैं, तो हमें सामंजस्य बनाए रखना होगा.”
यह कहते हुए कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है, न्यायालय ने याचिका को मुख्य न्यायाधीश की रोस्टर पीठ को स्थानांतरित कर दिया. मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.
जनहित याचिका दाखिल करने वाले वकील रिगन एस.बेल ने अधिकारियों से हमले के कारण हुए पूजा स्थलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति तथा उसका पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कहा.
वरिष्ठ वकील आदिश सी.अग्रवाल ने न्यायालय से कहा कि दिसंबर से लेकर अब तक दिल्ली में छह गिरजाघरों में तोड़फोड़ हो चुके हैं, लेकिन इन मामलों में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि सरकार हमले रोकने में नाकाम रही है. उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि वह इन हमलों के संदर्भ में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार तथा दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए कहे और इन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.