प्रशांत, योगेंद्र साजिशकर्ता: केजरीवाल
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केजरीवाल ने प्रशांत भूषण तथा योगेन्द्र यादव पर पार्टी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया. केजरीवाल ने कहा जब सारी दिल्ली पार्टी के साथ थी तब यह दोनों पीठ में छुरा भोंक रहे थे. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इन दोनों ने ही लोकसभआ चुनाव के समय पार्टी को चंदा देने वालों को रोका था. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी पार्टी के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पिछले एक साल से पार्टी के खिलाफ साजिश रच रहे थे. आप की शनिवार को हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केजरीवाल द्वारा दिए गए 44 मिनट के भाषण का वीडियो रविवार को जारी किया गया. आंशिक रूप से भावनात्मक अपने भाषण में केजरीवाल ने पार्टी के दोनों सह-संस्थापकों के खिलाफ कई आरोप लगाए.
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने पार्टी नेतृत्व की हरेक बैठक में बखेड़ा किया. केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने उनकी कई मांगें मानी, लेकिन वे स्वयं कभी भी नरम नहीं पड़े.
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के लोगों ने हम पर भरोसा किया और हमें सत्ता सौंपा, लेकिन हमारे खुद के दोस्तों ने हमें धोखा दिया. उन्होंने मुझे धूर्त कहा,
जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी भी आजतक मुझे ऐसा कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाई.”
उन्होंने कहा कि प्रशांत और योगेंद्र पार्टी के अंदर रहकर पिछले एक साल से पार्टी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. उन्होंने लोगों को लोकसभा चुनाव 2014 से पहले पार्टी को चंदा देने से रोका.
पिछले माह दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद इस गतिरोध के लिए आप संयोजक केजरीवाल ने योगेंद्र और प्रशांत को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा कि प्रशांत और योगेंद्र आप को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से मीडिया में सूचनाएं जारी करते रहे.
उन्होंने कहा, “इससे किसे लाभ मिला? मुझे? योगेंद्र यादव? प्रशांत भूषण? नहीं, भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों को.”
केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी मात्र दो माह पुरानी सरकार ने इतना कुछ कर लिया है, जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 माह में नहीं कर पाए. केजरीवाल ने कहा कि लेकिन यह सब बेकार हो गया.
राष्ट्रीय संयोजक के पद से और राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद और राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफे की पेशकश के साथ उन्होंने कहा, “आपको उन्हें या मुझे, किसी एक को चुनना है.”
उन्होंने कहा, “अगर आप उन्हें चुनते हैं तो मैं सभी पदों से इस्तीफा दे दूंगा और एक सामान्य कार्यकर्ता की भांति कार्य करूंगा.”