‘आप’ से योगेंद्र, प्रशांत बहिष्कृत
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: आखिरकार ‘आप’ से योगेन्द्र यादव तथा प्रशांत भूषण को बाहर कर दिया गया. शनिवार को ‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विवादित वोटिंग के जरिये चार नेताओँ को पार्टी से निकाल दिया गया. इस बैठक के बाद योगेन्द्र यादव तथा प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि पार्टी के लोकपाल को बैठक में नहीं आने दिया गया. प्रशांत भूषण ने ‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणई में कराये गये वोटिंग को अवैध करार दिया. आम आदमी पार्टी ने शनिवार को पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया. पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है.
इधर, योगेंद्र और प्रशांत ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी पर अवैध वोटिंग कराने का आरोप लगाया.
योगेंद्र ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “बैठक में लोकपाल को नहीं आने दिया गया. गोपाल राय आनन-फानन में प्रस्ताव ले आए. हमने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए तो गोपाल राय ने कान बंद कर लिए और कहा कि लिखकर दीजिये. अभी हम कुछ करते कि मनीष सिसोदिया ने उस पर वोटिंग की शुरुआत करा दी और प्रस्ताव पारित करा लिया गया.”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकतंत्र की हत्या की गई. इसकी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी. केजरीवाल के समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए थे.”
वहीं, प्रशांत ने बैठक के दौरान गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुंडागर्दी हो रही थी. लोगों को पीटा जा रहा था. हमने लोकपाल की मांग की और उसे न आने देना दिखाता है कि अवैध वोटिंग कराई गई है.”
प्रशांत ने कहा, “सब कुछ पूर्व नियोजित तरीके से हुआ. ऐसा लग रहा था कि सारी पटकथा पहले से तैयार कर ली गई थी.”