‘MSG’ की रिलीज पुलिस पहरे में!
चंडीगढ़ | मनोरंजन डेस्क: फिल्म ‘एमएसजी-द मैसेंजर’ को पुलिस तथा सशस्त्र बलों के साये में शुक्रवार को रिलीज किया जा रहा है. इससे पहले किसी फिल्म को पुलिस के सख्त पहरे में कब रिलीज किया गया था याद करना मुश्किल है. दरअसल यह फिल्म बाबा राम रहीम ने बनाई है जिन पर स्वंय भी कई आरोप लग चुके हैं. फिल्म में बाबा राम रहीम को भगवान के सन्देशवाहक के रूप में पेश किया गया है तथा इस फिल्म का पहले नाम ‘एमएसजी-मेसेंजर ऑफ गॉड’ रखा गया था जिसे विरोधों के बाद बदल कर ‘एमएसजी-द मैसेंजर’ कर दिया गया है. उसके बाद भी संभावना है कि इस फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की जा सकती है तथा कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. जिसे देखते हुए किसी तरह के तनाव या अप्रिय घटनाओं के मद्देनजर एहतियातन गुरुवार को हरियाणा और चंडीगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फिल्म की फिल्म पहले ‘एमएसजी-मेसेंजर ऑफ गॉड’ के नाम से प्रदर्शित होनी थी, लेकिन अब फिल्म का नाम बदलकर ‘एमएसजी-द मैसेंजर’ कर दिया गया है.
चंडीगढ़ और हरियाणा के कई सिख संगठन फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं. सिख संगठनों ने गुरुवार को चंडीगढ़ प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा और फिल्म का प्रदर्शन रोकने की अपील की. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो प्रशासन उसके लिए जिम्मेदार होगा.
इसे देखते हुए अधिकारियों ने हरियाणा के कई जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने के निर्देश दिए हैं. हरियाणा और चंडीगढ़ में कई स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.
पंजाब सरकार ने पिछले महीने पंजाब में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. पिछले महीने सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को पास नहीं किए जाने के बाद बीते सप्ताह इसे प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई. फिल्म शुक्रवार को देश के 4,000 सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है.
हरियाणा के एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यहां कहा कि राज्य के कई स्थानों में परिस्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है, खासकर सिरसा, कुरुक्षेत्र, गुड़गांव, रोहतक, अंबाला और दूसरे जिलों में हालात पर नजर रखी जा रही है.
फिल्म पहले ‘एमएसजी-मैसेंजर ऑफ गॉड’ के नाम से 16 जनवरी को प्रदर्शित होनी थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे पास नहीं किया और कई संगठन इस समय भी फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं.
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है और निर्देशन भी खुद ही किया है. उन्होंने फिल्म के गीत भी खुद ही लिखे और गाए हैं.
राम रहीम के अनुयायियों का कहना है कि फिल्म किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और सिर्फ सामाजिक बुराइयों का विरोध करती है. उल्लेखनीय है कि जनवरी माह में फिल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बताया जाता है कि लीला ने फिल्म ‘एमएसजी-मेसेंजर ऑफ गॉड’ को रिलीज करने के लिये किये गये कथित हस्तक्षेप के कारण इस्तीफा दिया था.