‘MSG’ की लीला, CBFC से 9 इस्तीफे
मुंबई | समाचार डेस्क: फिल्म ‘एमएसजी’ से उपजे विवाद से सीबीएफसी के 8 और सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले शुक्रवार को सीबीएफसी की अध्यक्ष लीला सैमसन ने आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था. शनिवार को इस्ताफा देने वालों में इरा भास्कर, लोरा प्रभु, पंकज शर्मा, राजीव मसंद, शेखरबाबू कंचरेला, शाजी करुण, शुभ्रा गुप्ता और टीजी थायगराजन शामिल हैं. इरा भास्कर ने खबरिया चैनल के हवाले से आरोप लगाया कि सेंसर बोर्ड के सदस्यों की नहीं सुनी जाती थी. उल्लेखनीय है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बारे में माना जाता है कि इन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव के समय समर्थन दिया था. गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के भक्तों तथा उनका अनुसरण करने वालों की संख्या अच्छी खासी है. बहरहाल, फिल्म ‘एमएसजी’ की लीला के चलते सीबीएफसी के अध्यक्ष सहित कुल 9 लोगों का इस्तीफा सामने आ चुका है. लीला सैमसन ने सरकार पर दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, सीबीएफसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने शुक्रवार को विवादास्पद फिल्म ‘एमएसजी’ की वजह से पद छोड़ने की अफवाहें खारिज कीं. ‘एमएसजी’ को फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने रिलीज की अनुमति दे दी है. लीला ने शुक्रवार सुबह कहा, “यह बिल्कुल सच है कि मैंने इस्तीफा दे दिया है. मैंने पिछली रात एक एसएमएस और आज एक ईमेल व पत्र के जरिए इस्तीफा दे दिया.”
लीला वर्ष 2011 में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की अध्यक्ष नियुक्त की गई थीं. सीबीएफसी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाला एक सांविधिक संगठन है. यह सिनेमेटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत फिल्मों के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है.
मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना लीला सैमसन ने कहा कि सरकार द्वारा सेंसर बोर्ड के कामकाज में की जा रही दखलंदाजी के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया. उन्होंने इसे संगठन सदस्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार और दबाव बताया.
लीला ने उन कयासों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया है कि एफसीएटी द्वारा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म ‘एमएसजी-द मैसेंजर ऑफ गॉड’ को हरी झंडी देने की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया. एफसीएटी ने सेंसर बोर्ड के आदेश पर असंतुष्ट आवेदन के मामले पर सुनवाई की थी.
पूछे जाने पर कि इस्तीफा देने की वजह ‘एमएसजी’ थी? लीला ने कहा, “यह वजह नहीं है.”
उधर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इस्तीफा लीला का निजी फैसला है. सरकार की ओर से कोई दबाव नहीं था.
राज्यवर्धन ने कहा, “जो भी निर्णय हो, यह सबके लिए स्वीकार्य होगा. फिल्म ‘एमएसजी’ को लेकर एफसीएटी को हरी झंडी देने के लिए सरकार की ओर से कोई दबाव नहीं था. अगर उन्हें ऐसा लगता है, तो उन्हें सरकार को इससे अवगत कराना चाहिए.”
सेंसर बोर्ड की जांच समिति ने ‘एमएसजी’ को कथित तौर पर ‘रिजेक्ट’ कर दिया था और इसे पुनरीक्षण समिति के पास भेजा था.
पुनरीक्षण समिति ने भी फिल्म को रिलीज की अनुमति नहीं दी थी. समिति ने फिल्म को एफसीएटी के पास भेजा था, जहां पर निर्माता को फिल्म में कुछ परिवर्तन के बाद रिलीज की अनुमति दे दी गई.
फिल्म के निर्माताओं ने कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड से फिल्म को रिलीज करने की अनुमति मिल गई है. लेकिन इसे शुक्रवार को रिलीज नहीं किया जाएगा.
गुड़गांव में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर फिल्म का प्रीमियर रखा गया था, जिसमें डेरा सच्चा सौदा के हजारों समर्थक जुटे थे. फिल्म के प्रीमियर को रविवार तक टाल दिया गया है. सेक्टर 29 स्थित लेजर वैली मैदान की ओर बढ़ रहे इनेलो के कार्यकर्ताओं और पार्टी की छात्र इकाई इंडियन नेशनल छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस दौरान लेजर वैली मैदान में फिल्म के प्रदर्शन की तैयारियां की जा रही थीं.
फिल्म के प्रीमियर को रविवार तक टाल दिया गया है. पंजाब और हरियाणा में प्रदर्शन के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहने के लिए कहा गया है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने कहा, “फिल्म की रिलीज को रोका गया है. मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर सवाल क्यों उठाए. फिल्म के माध्यम से समाजिक बुराइयां जैसे शराब, वेश्यावृत्ति और नशीले पदार्थो के खिलाफ संदेश दिया गया है और अच्छे कार्यो जैसे रक्त दान और स्वैच्छिक काम करने के लिए प्रेरित किया गया है.”
लीला ने अपने शुरुआती बयान में कहा था, “मंत्रालय द्वारा नियुक्त किए गए संगठन के सदस्यों एवं अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार, उनका हस्तक्षेप और दबाव इसकी वजह है. इसके अलावा नौ माह से अधिक समय बीतने पर भी बोर्ड द्वारा बैठक न बुलाना भी वजह है, क्योंकि मंत्रालय के पास सदस्यों की बैठक के लिए ‘कोई अनुदान’ नहीं है.”