योजना आयोग के पुनर्गठन पर PM जानेंगे CMs की राय
नई दिल्ली | एजेंसी: स्वतंत्रता दिवस के दिन घोषित किये गये योजना आयोग के नये स्वरूप पर प्रधानमंत्री मोदी रविवार को मुख्यमंत्रियों की राय लेगें. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार योजना आयोग के स्थान पर एक नये संगठन की स्थापना करना चाहती है जिसका कई राज्यों के मुख्यमंत्री विरोध कर रहें हैं. योजना आयोग की शुरुआत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के योजनाबद्ध विकास के लिये की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें योजना आयोग के पुनर्गठन को लेकर वह उनके विचारों से अवगत होंगे. मोदी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, “योजना आयोग के पुनर्गठन के मुद्दे पर विशेषज्ञों तथा अर्थशास्त्रियों से विस्तृत परामर्श लिया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “एक नया निकाय बनाने के लिए हम इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं.”
विंसेंट एच.पाला, कांग्रेस तथा सौगत रॉय, तृणमूल कांग्रेस ने योजना आयोग को लेकर सवाल सूचीबद्ध कराया था, जिसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी प्रश्नकाल के दौरान दे रहे थे. मगर इस दौरान साध्वी निरंजन ज्योति के इस्तीफे की मांग को लेकर दोनों ही सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर थे.
उल्लेखनीय है कि मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए योजना आयोग के पुनर्गठन की बात कही थी.
रक्षा एवं योजना राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि योजना आयोग तब तक अपना काम जारी रखेगा, जब तक एक नया संगठन उसकी जगह नहीं ले लेता.
00योजना आयोग
स्वतंत्रता के बाद भारत ने योजना बनाने का एक औपचारिक मॉडल अपनाया और इसके तहत योजना आयोग, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता था, का गठन 15 मार्च 1950 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता मे किया गया. इसके कार्य हैं-
1) देश के संसाधनों का आकलन करना.
2) इन संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण करना.
3) प्राथमिकताओं का निर्धारण और योजनाओं के लिए संसाधनों का आवंटन करना.
4) योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक मशीनरी का निर्धारण करना.
5) योजनाओं की प्रगति का आवधिक मूल्यांकन करना.
6) देश के संसाधनों का सबसे प्रभावी और संतुलित ढंग से उपयोग करने के लिए योजनाओं का निर्माण करना.
7) आर्थिक विकास को बाधित करने वाले कारकों की पहचान करना.
8) योजना के प्रत्येक चरण के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक मशीनरी का निर्धारण करना.