छत्तीसगढ़

साइकिल की जगह मिलेगा नकद

रायपुर: स्कूल शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के बीच साइकिल की ऊंचाई को लेकर चल रही खींचतान से परेशान छत्तीसगढ़ सरकार छात्राओं को साइकिल की जगह नकद देगी.

दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग सरस्वती साइकिल योजना के तहत राज्य की स्कूली छात्राओं को बांटने के लिए 20 इंच ऊंची साइकिल खरीदने पर जोर दे रहा था लेकिन वित्त विभाग इस अनुशंसा को मान नहीं रहा था जिसके चलते दोनों विभागों के बीच जंग छिड़ी हुई थी.

एक तरफ स्कूल शिक्षा विभाग का कहना था कि छात्राओं को अब तक बांटी जा रही 22 इंच ऊंची साइकिल की जगह 20 इंच की साइकिल दी जानी चाहिए लेकिन इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई थी.

वित्त विभाग ने तर्क दिया था कि कम ऊंचाई वाली साइकिल बाद में विद्यार्थियों के काम नहीं आएगी और इस ऊंचाई में सीमित कंपनियों की साइकिल ही उपलब्ध होने से छात्राओं को बेहतर गुणवत्ता वाली साइकिल भी मिल नहीं पाएगी.

विभाग ने यह भी कहा था कि 20 इंच मानक रखने से देश की नामी कंपनी एटलस आर ए-वन कंपनी भी सप्लाई के लिए टेंडर भरने से वंचित रह जाएगी.

वित्त विभाग के इस तर्क का स्कूल शिक्षा विभाग ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि योजना का उद्देश्य प्रदेश की छात्राओं को उनके शारिरिक मापदंडों के अनुसार सुविधाजनक सायकिलें उपलब्ध कराना है न कि किसी एक कंपनी को फायदा पहुँचाना. विभाग ने यह भी कहा कि 22 इंच साइकिल खरीदी से राज्य सरकार को एक करोड़ 26 लाख का आर्थिक नुकसान भी झेलना होगा.

दोनों विभागों के बीच चल रहे आपत्तियों के दौर से योजना में अकारण देरी होती देख मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साइकिल के बजाय नकद देने के आदेश दे दिए हैं. लेकिन स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल इस फैसले से नाखुश दिख रहे हैं उन्होंने वित्त विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए उसके मानदंडों को पूर्वाग्रहग्रसित बता दिया है.

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