तकनीक

सबसे असुरक्षित जी-मेल

वाशिंगटन | एजेंसी: आप समझते हैं कि ऐप्स आपको हैकरों की सेंधमारी से मुक्त रखने का काम करता है, तो गलत हैं. अमरीकी इंजीनियरों के एक दल ने जी-मेल समेत कई ऐप्स को सफलतापूर्वक हैक कर दिखा दिया है कि इनकी सुरक्षा में अब भी खामियां हैं. शोध के दौरान जी-मेल हैकिंग की सफलता दर 92 फीसदी तक देखी गई. उन्होंने एंड्रॉयड, विन्डोज और आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम में खामियों को ढूंढ निकाला है, जिनकी वजह से उपयोगकर्ता के आंकड़े असुरक्षित हाथों में पहुंचने का खतरा है.

शोधकर्ताओं ने मशहूर सात में से छह ऐप्स को हैक करने में 82 से लेकर 92 फीसदी तक सफलता पाई.

आसानी से हैक होने वाले ऐप्स में जी-मेल, चेज बैंक और एच एंड आर ब्लॉक शामिल हैं.

आमेजन को हालांकि हैक करने में काफी मुश्किलें पेश आईं, जिसकी सफलता दर 48 फीसदी है.

अमरीका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिवरसाइड बॉर्न्‍स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर झियून कियान ने कहा, “एक ऐप दूसरे के काम में दखलंदाजी नहीं करता, यह अवधारणा ध्वस्त हुई है. इससे उपयोगकर्ता को नुकसान हो सकता है.”

जब आप मलिसियस ऐप जैसे बैकग्राउंड वालपेपर वगैरह को डाउनलोड करते हैं, तो वह दूसरे ऐप की गतिविधियों पर नजर रखने का काम करता है, जिसके कारण उपयोगकर्ता का जोखिम बढ़ जाता है.

यह अध्ययन शुक्रवार को सैन डियागो में यूसेनिक्स सिक्योरिटी सिंपोजियम में प्रस्तुत किया गया.

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