नेपाल के मामलों में हस्तक्षेप नहीं: मोदी
काठमांडू | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नेपाल को भरोसा दिया कि भारत उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का इच्छुक नहीं है. मोदी ने नेपाल की संसद को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा हमेशा से मानना रहा है कि आप जो कर रहे हैं उसमें हस्तक्षेप करना हमारा काम नहीं है, बल्कि आपकी चुनी राह का समर्थन करना हमारा काम है.”
अपने भाषण में मोदी ने काठमाडू पहुंचने के बाद मिले स्वागत की सराहना की.
उन्होंने कहा, “मुझे जो सम्मान मिला वह नरेंद्र मोदी को या भारत के प्रधानमंत्री को नहीं मिला है. यह भारत की जनता के प्रति आपका सम्मान है.”
नेपाल के साथ हमारा संबंध उतना ही पुराना है जितना हिमालय और गंगा का संबंध है.
उन्होंने कहा, “केवल नेपाल की जनता ही नहीं बल्कि जिनका भी लोकतंत्र की ताकत में भरोसा है वे सभी इस संविधानसभा की तरफ नजरें जमाए बैठे हैं.”
उन्होंने नेपाल की संविधान लेखन प्रक्रिया की भी सराहना की.
भारत के प्रधानमंत्री ने कहा, “संविधान महज एक किताब भर नहीं है. यह भूत को वर्तमान और भविष्य के साथ जोड़ता है.”
“संविधान केवल जोड़ता है तोड़ता नहीं है.”
उन्होंने नेपाल में उन लोगों की सराहना की जिन्होंने युद्ध का मार्ग छोड़ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाया.
उन्होंने कहा, “सम्राट अशोक होते थे. युद्ध के बाद उन्होंने बुद्ध की तरफ देखा था. युद्ध से वे बुद्ध की तरफ गए.” उन्होंने कहा, “भारत की बस एक ही कामना है कि नेपाल की प्रगति हिमालय की शिखरों तक पहुंचे.”
उन्होंने कहा, “आपके पड़ोसी होने के नाते और लोकतंत्र के अनुभवी होने के कारण, हम आप जिस दिशा में जा रहे हैं उससे हमें खुशी हो रही है.”