भाजपा दिल्ली में सरकार बनाएंगी
नई दिल्ली | संवाददाता: भाजपा के लिये दिल्ली में सरकार बनाना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. इसी तारतम्य में रविवार को दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि ” हम सरकार बनाने और चुनाव दोनों के लिए तैयार हैं.”
गौरतलब है कि इन दिनों दिल्ली में सरकार बनाने के लिये राजनीतिक सरगर्मी तेज है. इसी के बीच शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नागपुर में सरसंघसंचालक मोहन भागवत से मुलाकात की थी. जिसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि संघ प्रमुख ने दिल्ली में जोड़-तोड़ की सरकार न बनाने की नसीहत दी है.
वर्तमान में 70 सदस्यीय दिल्ली में भाजपा के पास 29 विधायक रह गये हैं जबकि 3 विधायक केन्द्र में सांसद बन गये हैं. दिल्ली में कांग्रेस के पास 8 तथा आम आदमी पार्टी के पास 28 विधायक हैं. इसके अलावा भाजपा की सहयोगी अकाली दल के पास 1 विधायक तथा जदयू के पास 2 विधायक हैं. ऐसे में भाजपा के लिये बिना कांग्रेस या आप के विधायकों के समर्थन से सरकार बनाना असंभव काम है.
उधर, संघ के चलते भाजपा जुगाड़ की राजनीति से परहेज कर रही है. ऐसे में दिल्ली विधानसभा में फिर से चुनाव करवाना ही रास्ता बच जाता है. रविवार को सतीश उपाध्याय की गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात से कयासों का बाजार गर्म है कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव फिर से हो सकते हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली बम्पर सफलता के बाद भाजपा निश्चिंत है कि इस बार उन्हें दिल्ली विधानसभा में स्पष्ट बहुमत जरूर मिल जायेगा. ज्ञात्वय रहे कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को दिल्ली की सातों लोकसभा क्षेत्र में जीत मिली है. यदि दिल्ली में फिर से चुनाव होते हैं तो भाजपा की सरकार बनना तय माना जा रहा है. हालांकि, आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस देश में बढ़ती महंगाई को मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश करेगी.
वैसे अमित शाह के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलवाना उनके लिये भी प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा. भाजपा के लिये दिल्ली विधानसभा में चुनाव जीतना इस बार आसान माना जा रहा है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.4 फीसदी मत, आप को 32.9 फीसदी मत तथा कांग्रेस को 15.1 फीसदी मत ही मिले थे.