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मोदी ब्रिक्स बैंक मुख्यालय ला पायेंगे?

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: क्या प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स बैंक का मुख्यालय भारत ला पायेंगे. ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शिरकत करने गये प्रधानमंत्री मोदी से देशवासियों को उम्मीद है कि प्रस्तावित ब्रिक्स बैंक के मुख्यालय को नई दिल्ली लाया जाये. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

मार्च 2013 में डरबन में हुए ब्रिक्स की बैठक में यह मुद्दा उठा था कि विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामानान्तर एक वित्तीय बैंक का निर्माण किया जाये. देखा गया है कि विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में अमरीका तथा यूरोप निर्णय लेने के मामले में शार्ष पर रहता है तथा तीसरी दुनिया के देशों का आर्थिक शोषण किया जाता है. इसलिये ब्रिक्स देशों के लिये एक अलग वैश्विक वित्तीय संस्था के गठन की बात चल रही है.

गौरतलब है कि ब्रिक्स का निर्माण आपसी आर्थिक सहयोग तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिये 2008 में किया गया था. पहले इसके सदस्य ब्राजील,रशिया,भारत तथा चीन थे जिसमें बाद में साउथ अफ्रीका को शामिल कर लिया गया है. ब्रिक्स वास्तव में दुनिया के उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जो इस वैश्विक आर्थिक प्रतियोगिता के बीच अपने अस्तित्व को बचाये रखने की एक कवायद है.

ब्रिक्स बैंक के लिये हुए अब तक के चर्चाओं के अनुसार इसमें चीन 41 बिलियन डॉलर तथा ब्राजील, रूस तथा भारत 18-18 बिलियन डॉलर देगा. इसके अलावा साउथ अफ्रीका इस बेंक में 5 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा. इस प्रकार से कुल 100 बिलियन डॉलर से ब्रिक्स बैंक की शुरुआत की जायेगी. चीन की पूरी कोशिश है कि इस ब्रिक्स बैंक के मुख्यालय को चीन ले जाया जाये.

अब देखना यह है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी इसमें कितना सफल हो पाते हैं. हालांकि, ब्रिक्स बैंक का फायदा उसके सभी सदस्य देशों को होगा पिर भी इसके मुख्यालय को लेकर कौतुहल बना हुआ है.

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