सीकर में बंधक छत्तीसगढ़ के मजदूर
जांजगीर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के 35 मजदूरों को सीकर में बंधक बनाने की खबर है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के चरौदी गांव के 35 लोगों को अच्छा रोजगार के बहाने दलालों द्वारा राजस्थान के ईंट-भट्ठा मालिक के हाथों बेच दिए जाने की खबर है.
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के मजदूरों को ईंट भट्टे में काम के बहाने बंधक बनाया जाता रहा है. हैरत की बात है कि जिस छत्तीसगढ़ में प्रति परिवारों को 35 किलो चावल राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है वे रोजगार के लिये दिगर प्रांतों की दौड़ लगाते हैं. रोजगार के लिये हुए इस पलायन का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ के भोले-भाले मजदूरों का जमकर शोषण किया जाता है.
दिलचस्प बात यह है कि दलाल भी छत्तीसगढ़ से वास्ता रखते हैं. तीन दलालों ने इन मजदूरों के बदले साढ़े 8 लाख रुपये ईंट-भट्ठा मालिक से वसूले हैं. फिलहाल परिजनों की गुहार पर प्रशासन बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने की कार्रवाई कर रही है.
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक महीने तक लगातार काम करने के बाद भी इन्हें मजदूरी नहीं दी गई. वे गांव वापस लौटने की कोशिश करने लगे तो ईंट-भट्ठा संचालक ने उन्हें बंधक बना लिया.
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा थाने के ग्राम चरौदी निवासी टाकूलाल पिता गोवर्धन यादव, सुंदर पिता लेरा यादव, दूजेराम पिता हरिचरण सतनामी, प्यारीलाल पिता खीरराम सतनामी, दामोदर पिता परसराम यादव, गिरधारी लाल पिता सोनीराम यादव, भरतलाल पिता सुकालू सहित 35 ग्रामीणों को कुछ महीने पहले डभर थाना के चुरतेला निवासी लक्ष्मीनारायण कुर्रे, शिवप्रसाद कुर्रे व रामनारायण कुर्रे ने अच्छा रोजगार का वादा किया और राजस्थान ले गए. जहां पर इन तीनों ने मजदूरों को ईंट भट्ठा में काम पर लगा दिया.
यह ईंट-भट्ठा कुबेर ब्रिक्स इंडस्ट्रीज है, जिसके संचालक लालसिंह पिता हरफूल जाट है. संचालक से अपने साढ़े 8 लाख रुपये वसूल करने के बाद तीनों दलाल वहां से रफूचक्कर हो गए.
सीकर में 100 रुपये के स्टांप पेपर पर किए गए इकरारनामे के मुताबिक दलालों को तीन किश्तों में भुगतान किया गया है. इसके अलावा इन तीनों दलालों और संचालक के बीच सौदा हुआ था कि मजदूरों को 450 रुपये प्रति हजार ईंट के मुताबिक मजदूरी राशि दी जाएगी. इसमें आधी मजदूरी संचालक तथा आधी राशि दलाल देंगे. जिसके तहत संचालक ने दलालों को साढ़े 8 लाख रुपये दे दिए थे.