बड़े शौक से सुन रहा था जमाना…
नई दिल्ली | संवाददाता: चार पीढ़ियों की अदाकारा जोहरा सहगल नहीं रही. गौरतलब है कि उन्हें निमोनिया की शिकायत पर दक्षिण दिल्ली के मैक्स अस्पताल में बुधवार को भर्ती कराया गया था. जहां गुरुवार को अपराह्न 4.30 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. वह 102 वर्ष की थीं.
भारतीय रंगमंच से लेकर सिनेमा तक में जोहरा सहगल को चार पीढ़ियों की अदाकारा के रूप में जाना जाता था. जोहरा ने पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक, बॉलीवुड के मशहूर कपूर परिवार की चार पीढ़ियों के साथ काम किया था. उनकी उम्र हाल तक उनके उत्साह पर हावी नहीं हो पाई थी.
जोहरा ने अपने करियर की शुरुआत एक डांसर और डांस निर्देशक के रूप में शुरू की थी. जोहरा थिएटर को अपना पहला प्यार मानती थी. वहीं से उन्होंने अभियन की कई बारिकियां सीखीं. जोहरा ने पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में करीब 14 साल तक काम किया.
पद्म विभूषण से सम्मानित वयोवृद्ध अभिनेत्री ने ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘दिल से’, और ‘सांवरिया’ जैसी 20 से अधिक बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है. जोहरा सहगल को निमोनिया की शिकायत होने पर बुधवार को दक्षिण दिल्ली के साकेत में स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उनकी बेटी किरण सहगल ने कहा कि मैक्स अस्पताल में हृदयाघात से उनका निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा.
भारतीय सिनेमा की सबसे बुजुर्ग अभिनेत्री जोहरा सहगल दक्षिणी दिल्ली के मंदाकिनी एवक्लेव में बेटी किरण सहगल के साथ रह रही थीं. उन्होंने 2011 में दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर एक घर देने की मांग की थी.
जोहरा को विशेष रूप से ‘भाजी ऑन द बीच’ (1992), ‘हम दिल दे चुके सनम’ (1999), ‘बेंड इट लाइक बेकहम’ (2002), ‘दिल से.'(1998) और ‘चीनी कम’ (2007) जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है. उनकी आखिरी फिल्म ‘चीनी कम’ और ‘सांवरिया’ थी.
जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था. देहरादून के पास चकराता में पली-बढ़ीं जोहरा को भारत सरकार ने वर्ष 1998 में पद्मश्री और वर्ष 2010 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
वर्ष 2007 में फिल्म ‘चीनी कम’ में अमिताभ बच्चन की बिंदास मां की भूमिका निभा चुकीं जोहरा ने 14 साल तक पृथ्वी थिएटर के साथ काम किया. वह भारतीय जन नाट्य संघ से भी जुड़ी रहीं. उदय शंकर के साथ उन्होंने जापान, मिस्र, यूरोप और अमेरिका सहित कई देशों में अपने नृत्य कार्यक्रम पेश किए थे. वह काफी दिनों तक ब्रिटेन में रहीं और अंग्रेजी फिल्मों में भी काम किया.
वह पहली ऐसी भारतीय हैं, जिसने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मंच का अनुभव किया. उन्होंने 1960 के दशक के मध्य में रूडयार्ड किपलिंग की ‘द रेस्कयू ऑफ प्लूफ्लेस’ में काम किया.
वर्ष 1990 के दशक में लंदन से भारत लौटने से पहले जोहरा ने ‘द ज्वेल इन द क्राउन’, ‘माय ब्यूटीफुल लाउंडेरेटे’, ‘तंदूरी नाइट्स’ और ‘नेवर से डाइ’ जैसे टेलीविजन कार्यक्रमों में भी काम किया.
फिल्म ‘वीर जारा’ में उनके साथ काम कर चुकीं अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने ट्विटर पर लिखा, “हमेशा आकर्षक दिखने वालीं जोहरा को जन्मदिन की बधाई. मेरे लिए ‘वीर जारा’ में उनके साथ काम करना सम्मान की बात है.”
जोहरा सहगल को वर्ष 1998 में पद्मश्री, 2001 में कालिदास सम्मान, 2004 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
उम्र होने के बावजूद किसी ने भी नहीं सोचा था कि जोहरा सहगल अपने प्रशंसकों को छोड़कर यूं अचानक चली जायेगी. आज मानो पूरा देश उनसे कह रहा है….बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, आप ही सो गये दास्तां कहते-कहते..