लौटेगा नालंदा विश्वविद्यालय का गौरव
पटना | समाचार डेस्क: एक बार फिर से नालंदा विश्वविद्यालय का गौरव लौटकर आ रहा है. इस शिक्षण सत्र में 40 देशों के करीब 1000 विद्यार्थियो ने प्रवेश के लिये आवेदन किया है. पांचवीं सदी में एशिया के विभिन्न इलाकों के छात्र इस विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए आते थे परंतु बाद में हमलावरों ने इसे नष्ट कर दिया.
अब 21वीं सदी में एक बार फिर इस प्राचीन अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को पुनजीर्वित किया जा रहा है. बिहार में नालंदा विश्विद्यालय पूरी दुनिया के शिक्षा और ज्ञान का केंद्र था.
अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ़ गोपा सबरवाल ने बताया कि “शुरुआती शैक्षणिक सत्र एक सितंबर 2014 से प्रारंभ हो जएगा. दो विषयों के लिए नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. अब तक 40 देशों के एक हजार से अधिक छात्रों ने नामांकन के लिए आवेदन किया है.”
स्कूल ऑफ हिस्टोरिकज स्टडीज और स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एन्वायरमेंट स्टडीज विषयों के स्नातकोतर में नामांकन के लिए भारत के ही नहीं, बल्कि अमेरिका, जापान, रूस, इंग्लैंड, श्रीलंका समेत अनेक देशों के 1000 से ज्यादा छात्रों ने आवेदन दिया है. अब तक इन दोनों विषयों में छह अध्यापकों की बहाली हो चुकी है. प्रारंभ में इन दोनों विषयों में 20-20 छात्रों को नामांकन लिया जाना है.
सबरवाल के अनुसार, इस विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए छात्रों का अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय से स्नातक पास होने वाले छात्रों को कम से कम 60 प्रतिशत जबकि अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए 65 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है. विदेशों के छात्रों का ग्रेड प्वाइंट के अनुसार दाखिला लिया जाएगा.
प्राचीन विश्वविद्यालय के खंडहर के नजदीक एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भवन बनाने की योजना है, जहां दुनियाभर के छात्र और शिक्षक एक साथ मिलकर ज्ञान अर्जित कर सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि प्राचीन विश्वविद्यालय के खंडहर से करीब 10 किलोमीटर दूर राजगीर में बनाए जा रहे इस विश्वविद्यालय को बनाए जाने की योजना की घोषणा वर्ष 2006 में भारत, चीन, सिंगापुर, जापान और थाईलैंड ने किया था और बाद में यूरोपीय संघ के देशों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई.
प्रारंभ में पूर्व नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की परिकल्पना तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने की थी. डॉ. कलाम उस समय जब जिले में एक रेल कोच कारखाने के शिलान्यास के मौके पर आए थे, तब उन्होंने तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार से नालंदा विश्विद्यालय को पुनर्जीवित करने की चर्चा की थी. इसके बाद नीतीश कुमार ने इसके स्थापना की पहल की थी.
राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के लिए 446 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है.