छत्तीसगढ़ में बसता है एक ओडीसा
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के सनकरा गांव में ओडीसा बसता है. छत्तीसगढ़ तथा ओडीसा के सीमा पर बसे इस गांव के लोग तो छत्तीसगढ़ी हैं परन्तु इनकी संस्कृति ओडीसा से मिलती-जुलती है. इस गांव में देवता के रूप में भगवान जगन्नाथ तथा देवी के रूप में माता समलेश्वरी की पूजा की जाती है. यहां की आबादी करीब पॉच हजार है.
इस गांव के सरपंच विजय भोई ने बताया कि वास्तव में यह गांव ओडीसा में आता था. उन्होंने आगे बताया कि इस गांव को संबलपुर के राजा ने रायगढ़ के राजा को उपहार स्वरूप दे दिया था. सरपंच विजय भोई ने इसका कारण यह बताया कि संबंलपुर के राजा की बेटी का विवाह रायगढ़ के राजा के बेटे से हुआ था. संबंलपुर के राजा ने कहा था कि इस गांव से प्राप्त राजस्व उनकी बेटी के चूड़ियों के खर्च के लिये है.
छत्तीसगढ़ के इस गांव के लोगों का भोजन ओडीसा के समान ही है तथा इनका पहनावा भी ओडीसा के समान है. यहां तक की पूजा तथा उत्सव भी ओडीसा के ही यहां मनाये जाते हैं. इस गांव में 14 मंदिर हैं जिनमें ज्यादातर में ओडीसा के लोगों के द्वारा पूजे जाने वाले देवी-देवता विराजे हैं.
गांव के सरपंच विजय भोई ने बताया कि नौकरी करने के लिये यहां के लोग हिन्दी में शिक्षा जरूर ग्रहण करते हैं परन्तु मौका मिलने से ओडीसा में भी चले जाते हैं. गांव के कई युवक संबलपुर के गंगाधर मेहर कॉलेज में पढ़ते हैं. गांव में घूमने से यह पता चला कि यहां के लोग अपने बच्चों की शादी ओडीसा में करना ज्यादा पसंद करते हैं.
इस गांव के कई लोगों ने तो निकट के अंबभोना गांव जो ओडीसा में आता है, अपना व्यवसाय करते हैं, कई तो ओडीसा सरकार के विभागों में नौकरी करते हैं. यहां के एक दुकानदार ने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ सरकार से गुजारिश करते हैं कि यहां के स्कूलों में ओड़िया भाषा भी पढ़ाया जाये.