राष्ट्र

समीक्षा बैठक में मंत्रियों की खिंचाई

लखनऊ | एजेंसी: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को अखिलेश सरकार के मंत्रियों की जमकर क्लास ली. उन्होंने सभी मंत्रियों से पूछा कि आखिर क्या वजह रही, जिससे सपा को लोकसभा चुनाव में इतनी करारी हार मिली? प्रदेश पार्टी कार्यालय से नजदीक सपा मुखिया के घर पर बंद कमरे में हुई इस बैठक में मंत्रियों को उपचुनाव में सरकार की छवि सुधारने के लिए उन्हें कुछ अलग ढंग से काम करने का लक्ष्य दिया गया है.

यहां खास बात यह है कि शनिवार से ही चल रहे मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के कयासों को सपा ने तो खारिज कर दिया लेकिन बैठक से बाहर निकले मंत्रियो के हाव भाव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे.

सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को मंत्रियों की आपात बैठक क्या बुलाई, अखिलेश सरकार के वजीरों की बेचैनी बढ़ गई. एक-दो मंत्री तो शनिवार को ही अपने क्षेत्रों में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शिरकत के लिए निकले थे. वे रास्ते से ही वापस लौट लिए.

सपा मुखिया के घर पर बैठक में शामिल होने के लिए सुबह नौ बजे ही सभी मंत्री पहुंच गए थे. वहीं बंद कमरे के अंदर हो रही बैठक जब पांच घंटे बाद समाप्त हुई तो बाहर निकलते आजम खान को छोड़ किसी भी मंत्री ने बोलने की हिम्मत नहीं की.

सूबे के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा, “लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आज समीक्षा बैठक की जा रही थी. उन्होंने बताया कि बैठक में मंत्रियों को उपचुनावों में किस तरह से सरकार की छवि सुधारने के लिए काम करना है इस बारे में उन्हें कुछ अलग ढंग से काम करने का लक्ष्य दिया गया है ताकि जीत हासिल हो सके.”

आजम के बयान ने कल से ही चल रहे मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को तो खारिज कर दिया लेकिन बैठक से बाहर निकले मंत्रियों के हाव भाव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे. ऐसे में बंद कमरे की सच्चाई क्या थी इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बदले तेवरों के बीच सरकार के कुछ मंत्रियों में भारी फेरबदल की उम्मीद जताई जा रही थी और शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ हुई बैठक के बाद इन चचरओ को और बल मिला था लेकिन आजम ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

दरअसल, अचानक बुलाई गई समाजवादी पार्टी की इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई.

इस बैठक में सपा मुखिया का जोर इस बात पर रहा कि चुनाव में करारी हार के बाद जनता को सरकार और संगठन के बेहतर काम के जरिये ही संदेश दिया जाए. सभी मंत्री कुछ ऐसा काम करें जिससे लोगों में सकारात्मक संदेश जाए. हालांकि सत्ता के गलियारों में यह चर्चा भी जरूर हो रही है कि मुख्यमंत्री इसकी शुरूआत कर चुके हैं.

सूत्रों के मुताबिक बैठक में तमाम चर्चाएं भी हुई जिनमें सभी विभागों में कुछ सख्त कदम उठाए जाएं, नई योजनाओं या नए कामों की शुरूआत की जाए. उन्हें समय सीमा के भीतर काम करने का लक्ष्य दिया जाए. सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंत्री आकस्मिक दौरे करें. वे संगठन के साथ विवाद, गुटबंदी और फजीहत करने वाले बयानों से दूर रहें.

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