नीतीश ने पीएम बनने तोड़ा गठबंधन: मोदी
पू्र्णिया | एजेंसी: नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की चाहत में भाजपा-जदयू गठबंधन तोड़ दिया.
बिहार के पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में आयोजित बिहार की तीसरी हुंकार रैली में मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत मिथिलांचल की मैथिली भाषा में की. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जमकर प्रहार किया.
लालू पर तंज करते हुए मोदी ने कहा कि लोकतंत्र गठबंधन से चलेगा, लठबंधन और भ्रष्टबंधन से नहीं. भाषण में मोदी ने लोगों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरा देश होली के रंग की तरह चुनावी रंग में रंग गया है. पूरे देश पर भाजपा का रंग चढ़ा हुआ है.
मोदी ने जनता दल-युनाइटेड (जदयू) नेता नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन उसे तोड़ दिया गया. उन्होंने कहा, “अब मुझे पता चला है कि गठबंधन क्यों तोड़ा गया.”
नीतीश की धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने के प्रयास की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, “नीतीश बहुत बड़ा सपना पाले हुए हैं. दरअसल वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. वह बेचैन हैं, उन्हें नींद नहीं आ रही है. वह कहते हैं कि उनके जितना योग्य प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कोई और नहीं है. लेकिन इतना घमंड अच्छा नहीं है. उनका अहंकार सातवें आसमान पर है.”
गुजरात के मुख्यमंत्री ने बिहार को विकसित बनाने के मुद्दे पर कहा कि भारत का यह हिस्सा पिछड़ा हुआ है. जब तक देश के हर हिस्से का विकास नहीं होगा, तब तक भारत मजबूत नहीं बन सकता.
मोदी ने सांप्रदायिकता के नाम पर राजनीति करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज तक सभी लोगों ने मुसलमानों को वोट के नाम पर छला है. बिहार में 38 प्रतिशत ग्रामीण मुसलमान गरीब हैं लेकिन गुजरात में सिर्फ सात प्रतिशत मुसलमान गरीब हैं. बिहार में शहरी मुसलमान समुदाय का प्रति व्यक्ति खर्च 550 रुपये है जबकि गुजरात में यह खर्च 875 रुपये है.
उन्होंने गुजरात की धर्मनिरपेक्षता को सच्ची धर्मनिरपेक्षता बताते हुए बिहार के लोगों से आह्वान किया, “आप वोट बैंक की राजनीति के कुचक्र से बाहर निकलें. विकास की राजनीति के लिए वोट करें.”
मोदी ने कहा कि आज तीसरे मोर्चे वाले बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, मगर जब बिहार की कोसी में प्रलंयकारी बाढ़ आई थी, तब वे कहां थे. उन्होंने कहा कि बिहार में अजकल फिर अराजकता का माहौल है, लेकिन दावे बड़े-बड़े किए जा रहे हैं. न तो राज्य सरकार और न केंद्र सरकार को आपके, आपके परिवार और आपके बच्चों की चिंता है.
उन्होंने बिहार के विकास के दावे को नकारते हुए कहा कि बिहार में 1900 ऐसे विद्यालय हैं जो केवल कागजों पर चल रहे हैं और इनमें से 90 विद्यालय ऐसे हैं जो पटना में चल रहे हैं.
मोदी ने कहा कि आज बिहार में मध्याह्न् भोजन खाने से विद्यालय के निर्दोष बच्चे मर रहे हैं. इस घटना के बाद विपक्ष के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने एक जांच समिति गठित कर दी, लेकिन अब तक उस समिति की बैठक नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि बिहार और केंद्र की सरकारें वर्तमान ही नहीं, आने वाली पीढ़ी को भी बर्बाद कर रही हैं.