रिजर्व बैंक नहीं करेगा कटौती
नई दिल्ली | समाचार डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दरों की यथास्थिति बनाए रख सकता है, क्योंकि महंगाई दर उच्च स्तर पर बनी हुई है. जानकारों का मानना है कि आरबीआई दरों में कटौती का फैसला लेने से पहले महंगाई रुझान और अधिक स्पष्ट होने का इंतजार कर सकता है.
दुन एंड ब्रैडस्ट्रीट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा, “हम नीतिगत दरों में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं. हाल में कुछ नरमी के बाद भी महंगाई दर के बढ़ने का जोखिम बना हुआ है.”
उन्होंने कहा, “महंगाई दर आरबीआई के सुविधाजनक स्तर से काफी ऊपर बना हुआ है, इसलिए दरों में कटौती की कोई उम्मीद नहीं है.”
आरबीआई मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा की घोषणा करेगा. सितंबर में गवर्नर रघुराम राजन की नियुक्ति के बाद यह चौथी समीक्षा होगी. आरबीआई ने दिसंबर की नीति समीक्षा में दरों को पुराने स्तर पर बरकरार रखा था. दिसंबर में राजन ने स्पष्ट किया था कि भविष्य में नीतिगत फैसले की दिशा महंगाई और खास कर खाद्य तथा प्रमुख उद्योगों की महंगाई के रुझानों से तय होगी.
सिंह के मुताबिक थोक और उपभोक्ता खाद्य महंगाई दर में हालांकि गिरावट आई है, लेकिन उतनी गिरावट नहीं हुई है कि दरों में कटौती का फैसला किया जा सके.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर दिसंबर में 6.16 फीसदी थी. उपभोक्ता महंगाई दर दिसंबर में 9.87 फीसदी थी. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की पूर्व अध्यक्ष और एचएसबीसी इंडिया की राष्ट्रीय प्रमुख नैना लाल किदवई ने भी कहा कि आरबीआई से इस बार नीतिगत दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है.
अभी रेपो दर 7.75 फीसदी है. रेपो दर वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से अल्पावधिक ऋण लेते हैं. रिवर्स रेपो दर 6.75 फीसदी है. यह वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक सीमा से अधिक धन आरबीआई में रखते हैं.