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खाने की लत का कारण मनमौजीपन

न्यूयॉर्क | एजेंसी: मनमौजी आचरण शराब और नशीली दवाओं के सेवन की तरह खाने की लत भी डाल सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि मनमौजी लोगों में खाने की लत की संभावना ज्यादा होती है. खाने की लत मोटापे का कारण बन सकती है.

यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्ज के फ्रेंकलिन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर जेम्स मैककिलोप ने बतया, “खाने की लत की धारणा बहुत नई है. हमें लगता है कि आवेग, खाने की लत और मोटापे में कुछ वही तकनीकें प्रयोग होती हैं जो शराब या अन्य नशीली दवाओं के लिए प्रयोग होती हैं.”

उन्होंने बताया कि कुछ तरह के खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिन्हें बार-बार खाने की इच्छा होती है. यही पदार्थ खाने की लत की नींव रखते हैं.

अध्ययन में 233 प्रतिभगियों में खाने की लत और आवेग के स्तर को जाने के लिए दो विधियों को प्रयोग किया गया.

उसके बाद शोधकर्ताओं ने इनके परिणामों की तुलना हर प्रतिभागी के शरीर के द्रव्यमान सूचकांक से की, जो कि मोटापे के निर्धारण में प्रयोग किया जाता है.

मैककिलोप ने बताया, “हमारा अध्ययन दर्शाता है कि मनमौजी आचरण, मोटापे से आवश्यक रूप से नहीं जुड़ा है, लेकिन मनमौजीपन खाने की लत का कारण हो सकता है.”

एक बात यह भी सामने आई है कि उच्च वसा, सोडियम व शर्करा वाले खाद्य पदार्थ मनमौजियों में नशीली दवाओं की तरह ललक पैदा करते हैं.

मैककिलोप ने कहा, “हम अब यह जानने पर काम करेंगे कि वे तीव्र लालसाएं मोटापे के विकास में कैसे भूमिका निभाती हैं.”

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